गब्बर: एक यौनिक पल में बदलाव की कहानी

अपने पति गब्बर के साथ एक यौनिक और रोमांटिक रिश्ते की कहानी, जो आपको एक अद्वितीय और आकर्षक दुनिया में ले जाएगी।

गब्बर- बसंती, चड्डी उतार !

वीरू- नहीं बसंती, इस कुत्ते के सामने चड्डी मत उतारना।

बसंती- वीरू तू डर मत, मैंने चड्डी पहनी ही नहीं है।

***

गब्बर रात के अँधेरे में बसंती से चुदाई कर रहा था।

गब्बर- बोलो मेरी जान बसन्ती, मज़ा आया?

औरत- बहुत मज़ा आया कुत्ते, लाइट जलाकर देख। मैं बसंती नहीं

.

..

...

मौसी हूँ।

***

साम्भा- मैं इन दोस्तों का क्या करूँ जो मैसेज का जवाब नहीं देते?

गब्बर- कुछ नहीं, बस इनके हाथ काट दो और रोज़ इन्हें ब्लू फिल्म के क्लिप भेजो! तड़प-तड़प के मरेंगे साले !

Explore my other stories


Comments