अपने लुल्ले को बाहर निकालें: सेक्सी और ताज़गी भरी कहानी

एक युवा युगल की कहानी जो अपने रिश्ते को नया जीवन देने के लिए सेक्स और हुक्मशुदगी का सहारा लेता है।

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प्रेषक : राजवीर अरोड़ा

मैं राजवीर राजस्थान से ! मैं 25 साल का हूँ, मेरा लण्ड 8 इन्च लम्बा है।

यह मेरी पहली कहानी है ! मेरी मौसी 45 साल की है और थोड़ी मोटी है। 5 साल पहले हम सभी मेरी तीन मौसियाँ, तीन मामा और हमारा परिवार कहीं घूमने गये थे। वहाँ रात को हम सब एक हाल में सोये थे। मैं अपनी मौसी के साथ दीवार के साथ सो गया था।

रात को एक बजे के करीब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की गलती से मौसी की टाँग मेरे ऊपर थी और मेरा लण्ड खड़ा था।

मैंने बाथरूम में जाकर पेशाब किया और आकर सोने लगा लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरा लण्ड अकड़ा खड़ा था।

मैंने धीरे से मौसी के मोटे चूचों पर हाथ रख दिया। थोड़ी देर जब मौसी कुछ नहीं बोली तो मैं धीरे धीरे मौसी के विशाल उरोज सहलाने-दबाने लगा और मौसी के कमीज के गले में से ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया और दबाने लगा।

मौसी थोड़ा हिली तो मैंने अपना हाथ खींच लिया और आँखें बंद कर ली।

थोड़ी देर बाद जब मैंने आँखें खोली तो मौसी वैसे ही लेटी थी। मैंने हिम्मत करके अपना हाथ फिर कमीज के अन्दर डाला तो मौसी की ब्रा के हुक खुले थे, मैं जोर जोर से अपनी मौसी के स्तन दबाने-मसलने लगा।

तभी अचानक एकदम से मौसी ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और दबाने लगी। वहाँ सब लोग सो रहे थे इसलिए मौसी ने एक चादर मेरे और अपने ऊपर डाल की और अपना कमीज ऊपर उठा कर अपने उभार मेरे मुँह में देने लगी। तो मैं भी बड़ी खुशी खुशी मौसी के चुच्चे चूसने लगा और मौसी साथ ही मैं मौसी की सलवार में हाथ घुसा कर चूत में उंगली देने लगा।

मौसी मेरे लण्ड से खेलने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

थोड़ी देर बाद हम दोनो झड़ गये और सो गये। तीन दिन तक जब भी मौका मिलता हम एक दूसरे को चूसते।

वापस आकर मौसी मुझे अपने साथ अपने शहर ले गई। वहाँ जब अंकल और मौसी का लड़का अपनी दुकान पर चले गये तो मैंने मौसी को पकड़ बैड पर लिटा लिया और उनकी सलवार खोल कर देखा तो उनकी चूत एकदम गंजी थी, शायद उन्होंने सुबह ही क्रीम से अपनी झांटें साफ़ की थी। मैंने अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया। वो जोर से चीखी क्योंकि उनकी चूत का एक होंठ मेरे लण्ड के साथ ही अन्दर घुस कर खिंच गया था।

मौसी ने मुझे कहा- अपने लुल्ले को बाहर निकाल कर दोबारा घुसा !

मैंने लन्ड बाहर निकाला तो मौसी मे खुद पकड़ पर मेरे लण्ड को अपनी फ़ुद्दी के छेद पर टिकाया और मुझे धक्का मारने को कहा।

और मैंने जब धक्का मारा तो लण्ड अन्दर सरकता चला गया, मैं धक्के मारने लगा।

कुछ बाद मैं झड़ गया और वो दो बार झड़ चुकी थी।

फिर कुछ देर रुकने के बाद मैंने मौसी को कहा- मौसी मेरे लण्ड को चूसो ना !

मौसी मान गई और हम 69 की पोजीशन में आ गये और एक दूसरे के गुप्तांग चूसने लगे।

मौसी ने बताया की पिछले 7 सालों से मेरे मौसा ने उन्हे नहीं चोदा।

अब जब भी मौका मिलता है, मैं मौसी को चोदता हूँ।

इस घटना पर अपनी राय मुझे मेल करें !

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प्रकाशित : 24 अक्तूबर 2013

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