प्रेषिका : श्रेया आहूजा दोस्तो, मेरे शुभचिंतको, यह एक भावुक कहानी है मेरे साथ बीते उस पल की जब मैं अपना सब कुछ हार कर भी जीत गई थी ! अगर आप में से कोई यह सोच कर यह आपबीती पढ़ रहे हैं कि इसमें केवल सेक्स है तो न पढ़ें ! ये भावुक पल मैं उन लोगो को बताना चाहती हूँ जिनकी भावनाएँ मेरे साथ जुड़ी हैं ! यह उन दिनों की बात है जब मैं नई नई जॉब करने एक डेंटल क्लिनिक में गई ! मैडम डेंटिस्ट थी और तलाकशुदा भी ! हम मिल कर ढेर सारी बातें किया करते ! मैडम के क्लिनिक में एक जवान लड़का हमेशा इलाज कराने आया करता था ! वो इलाज कम और मुझे देखने ज्यादा आया करता था ! शुरू में मुझे वो शरीफ लगा पर एक दिन परची पकड़ाने के बहाने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा कि वो मुझसे प्यार करने लगा है ! मैंने जल्दी से हाथ छुड़ाया और चली गई ! कुछ दिन बीत गए .. मैं भी उसे याद करने लगी ! एक दोपहर को मैंने उसे बुलाया जब मैडम नहीं थी ! वो आया और देखा मैडम नहीं है। वो समझ गया, समय न बर्बाद करते हुए उसने मुझे चूम लिया ! मैं पूरी गीली हो गई ! फिर मैंने उसे जाने के लिए कह दिया, सच बताऊँ तो मैं डर गई थी ! उसने मुझे बांहों में भरा और सीधा डेंटल चेयर पर लेटा दिया ! मेरी टीशर्ट ऊपर की ब्रा हटाई और मेरे गोरे गोरे मुलायम मम्मों को चूसने लगा, जैसे बच्चे करते हैं ! मैं : रोहित यह ठीक नहीं है, कुछ हो गया तो ? रोहित : जान कुछ नहीं होगा ! बस मज़े लो ! आह अह ... मै : बस ! आह ! अह ! रुक जाओ ! मुझे कुछ हो रहा है ! पहली बार किसी लड़के ने मेरे मम्मे देखे थे ! मेरे पतली कमर पर अटकी जींस के बटन को उसने खोला, चेन खोली और मेरी बुर को वो चाटने लगा ! मैं पूरी तरह कांप रही थी ! डर था वो मुझे चोद न दे ! मैं बिल्कुल तैयार नहीं थी चुदवाने के लिए ! मैं डेंटल चेयर पर नंगी पड़ी थी ! उसने अपना लण्ड निकाला और मुझे चूसने के लिए कहा ! इतना लम्बा काला लंड ! मैंने जब पहली बार लण्ड मुँह में लिया तो मुझे उलटी सी आ गई ! मैं : नहीं रोहित ! मैं नहीं कर पाऊँगी .. गन्दा लगता है ! रोहित : वाह चटवाने में गन्दा नहीं लगा ? अब चूसने में गन्दा लगता है ? ... चूसो मुझे रोहित का यह बर्ताव ठीक नहीं लगा ! वो जबरदस्ती सी कर रहा था ! उसने मेरे मुँह में अपना लण्ड डाला, मेरे बालों को पकड़ा और चुसवाने लगा ! मेरी आँखों से आंसू निकल आए .. उफ़.. दोस्तों अगर आपकी दोस्त मुखमैथुन न करे तो प्लीज़ जबरदस्ती मत करना ! अब उसका लंड तैयार था .. उसने मेरी बुर पर थूका, पैर फैलाए और लंड घुसाने लगा ! लड़की होने के नाते मैं आपको बताना चाहती हूँ कि जब तक बुर पूरी तरह गीली नहीं हो जाती, लंड जाने में दर्द होगा। मैं : आह नहीं ! बहुत दर्द हो रहा है ! रोहित : बस बेबी ! शुरू शुरू में होगा ! बाद में मज़ा आयेगा ! मैं : आह अह नहीं .. रोहित क्या तुमने पहले भी सेक्स किया है ? रोहित : हाँ ! इसलिए जानता हूँ कि पहली बार कैसे करते हैं ! लंड अन्दर जा चुका था, मै मदहोश हो गई थी ! रोहित की मज़बूत बाहों में मैं सिकुड़ गई थी ! मैं निढाल हो गई थी ! उसने जैसे मेरे अन्दर अपना गरम लावा छोड़ा, मैं तड़प गई ! अन्दर बहुत सुकून मिल रहा था .. हम दोनों का बदन इस तरह जुड़ा था मानो हम एक ही हों .... मैं उसे बांहों में पकड़े हुई थी, तभी मैडम आ गई ... घबरा कर हम दोनों अलग हुए, रोहित का लंड जैसे अन्दर से निकला सारा पानी फर्श पर बिखर गया .. रोहित ने जल्द ही कपड़े पहने और मैं नंगी खड़ी रही .. लेडी डेंटिस्ट देख रही थी मेरे चूत की ओर ! मेरी चूत फटी हुई थी .. खून और वीर्य मेरी गोरी जान्घों से बह रहा था .... फिर मैंने अपने को संभाला, पैंटी-ब्रा पहनी .. और कपड़े डाल कर चल दी। मैडम ने रोका, रेस्ट रूम ले गई ! लेटाया और हॉट वाटर बैग मेरी चूत पर रखा ! आराम मिला, मैडम ने पेन किल्लर दिया ! मैं थोड़े देर में चुपचाप वहाँ से चल दी। मुझे पता था मैडम मुझे नौकरी से निकाल देंगी। मैं दुबारा नहीं गई ... हाँ ! घर पर महीने के अंत तक सेलरी पहुँच गई थी ... अब अपनी श्रेया को इजाजत दीजिये !
