प्रेषक – लोटस लव दोस्तों मेरा नाम मानू है। मैं आप को अपनी एक कहानी बताता हूँ। मैं पंजाब का रहने वाला हूँ। जब मैं क़रीब १८-१९ साल का था तो मैं पढ़ाई में काफी अच्छा था। पढ़ाई में अच्छा होने के कारण कई बार मेरे कॉलेज की लड़कियाँ मुझसे पढ़ाई के बारे में मिलतीं थीं। पर मैंने किसी लड़की से अब तक सम्बन्ध नहीं बनाए थे। परन्तु मुझे सेक्सी फिल्म और किताबों का काफी शौक था। मेरे पिताजी बहुत सख्त थे, इसलिए मुझे डर भी लगता था, और मैं इन चीज़ों के बारे में सोचता नहीं था। . परन्तु जब से इन्टरनेट आया तो मुझे चैटिंग करने का बहुत शौक लगा। चैटिंग करते-करते ही मुझे एक लड़की मिली। मैंने उसे दोस्ती का प्रस्ताव पेश किया और वह मान गई। वह बंगलौर की रहने वाली थी। उस समय हम दोनों कोई २६-२७ साल के थे। अतः हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता। हम रोज़ ही बातें करते। धीरे-धीरे हम दोनों बेहद नज़दीक हो गए। उसके पिता पुलिस में एक अफसर थे। हम दोनों आपस में बहुत खुल चुके थे। इसलिए हम दोनों ने एक दूसरे से मिलने का निश्चय किया। पर हम दोनों ने एक दूसरे को कभी देखा नहीं था, हालाँकि फोन पर काफी बातें होतीं थीं। हमने फैसला किया कि हम एक-दूसरे के शहर मे नहीं बल्कि किसी अन्य शहर में मिलेंगे। उस वक्त हमारा सेक्स करने की कोई योजना नहीं थी। हम दोनों मिलने के लिए घर से निकल पड़े। हम दोनों दिल्ली में मिले। मैं उसकी ट्रेन के आने से पहले ही दिल्ली आ चुका था। अतः मैं स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उसकी प्रतीक्षा करने लगा। मैं लगभग एक घंटा पहले ही वहाँ पहुँच गया था। मेरे लिए वह एक घंटा एक साल की तरह लगा। मैं बार-बार कभी घ़ड़ी की तरफ़, तो कभी रेलवे ट्रैक की तरफ तेखता। देखते-देखते हमारे मिलन की घड़ी आख़िर आ ही गई। वह ट्रेन से उतरी और इधर-उधर देखने लगी। तभी हमारी आँखें आपस में मिलीं और मैंने उससे पूछा कि क्या तुम मीना हो? और वह भी मुझसे पूछ बैठी कि क्या तुम मानू हो? हमारे मिलने के समय मुझे लग रहा था कि मुझे बहुत कुछ मिल गया है। हम दोनों ने एक-दूसरे को अपनी बाहों में ले लिया। फिर हमने होटल जाने का फैसला किया, क्योंकि वह बहुत लम्बी यात्रा करके आ रही थी। हमने स्टेशन के पास ही एक होटल में कमरा ले लिया। दोस्तों एक बात बताना तो मैं भूल ही गया। …और यहीं से सब बदल गया
