चुदने को बेताब मेरी प्यासी जवानी-2 (Chudne Ko Betab Meri Pyasi Jawani- Part 2)

में आपने पढ़ा कि कॉलेज में जाते ही मेरा दिल धड़कने लगा था किसी जवान मर्द के लिए, मेरी प्यासी जवानी मेरे सर चढ़ कर बोल

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वैसे तो उस दिन शुक्रवार था। उस दिन हमारे कॉलेज में सिर्फ दो लेक्चर थे। तो मैंने दोनों लेक्चर बंक कर दिये, और सुबह रोज़ की तरह तैयार हो कर कॉलेज के लिए निकली, मगर घर से थोड़ी ही दूर अपने यार की गाड़ी में बैठ कर उसके साथ चल पड़ी।जल्दी ही हम एक घर में घुसे। जिसके हम घर में गए, वो लड़का भी हमारे ही कॉलेज में था और अक्सर मुझे बहुत देखता था, ये जानते हुये भी कि मेरा चक्कर चल रहा है। लड़का भी सुंदर था, मगर अब तो मै किसी और के साथ फंसी थी, तो अब तो उसका कोई चांस नहीं था।हम दोनों कार से उतरे और उसके घर के अंदर गए। पहले तो उस दोस्त ने हमें कोल्ड ड्रिंक पिलाई, फिर जल्द ही हम दोनों उसके बेडरूम में चले गए। अच्छा रूम था, मैं इधर उधर देखने लगी, रूम में क्या क्या है। मगर मेरे यार ने तो झट से कुंडी लगाई और पट से मुझे अपनी बांहों में भर लिया। पता तो मुझे था मगर मैं फिर भी चौंकी- अरे...उसने मुझे अपनी बांहों में उठा कर सीधा बेड पे गिरा दिया और खुद भी मेरे ऊपर ही लेट गया- ओह मेरी प्यार ऋतु, आज मैं बहुत खुश हूँ, आज मैं तुम्हें वो मज़ा दूँगा कि तुम ज़िंदगी भर याद रखोगी। मैं भी मन ही मन उस अद्भुत आनंद को अनुभव करने के लिए पूरी तरह तैयार थी।वो नीचे को झुका और मेरे होंठों पर उसने अपने होंठ धर दिये। मैंने भी उसके सर के पीछे अपना हाथ रखा और दोनों ही प्यासों की तरह एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे। होंठों से होंठ जुड़े, तो उसने अपने हाथ में मेरे मम्मे पकड़ लिए और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। …और फिर सब बदल गया

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