फिलहाल मेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं है। पहले एक था, मगर मैंने उससे ब्रेक अप कर लिया। आज मैं आपको उसी की बात बताने जा रही हूँ। वैसे तो मेरे और मेरे फॅमिली के और भी बहुत से राज़ हैं, अगर आपको मेरी यह कहानी पसंद आई और आपने मुझे और भी बहुत कुछ बताने के लिए प्रेरित किया तो और भी लिखूँगी।स्कूल खत्म करने के बाद मैंने बिज़नेस मैनेजमेंट में जाने का सोचा. इसके लिए मैंने एम बी ए को अपना लक्ष्य बना कर आगे की तैयारी शुरू की। फिलहाल मैं एम बी ए ही कर रही हूँ। जब मैंने एम बी ए के पहले ही साल में दाखिला लिया, तो मुझ पर मेरी ही क्लास का एक लड़का खूब सेंटी हो गया, हर वक्त देखता, आगे पीछे, आस पास ही घूमता, कभी कभी बात भी करता।लड़का भी देखने में अच्छा था। मुझ पर भी नई नई जवानी चढ़ी थी तो उसकी हरकतें देख कर मेरा भी दिल धड़कता। धीरे धीरे आखिर वो मेरे दिल में बसता गया और एक दिन उसने मुझे प्रोपोज किया। मैं तो पहले से ही मरी जा रही थी तो जैसे ही उसने प्रोपोज किया, मैंने भी कबूल कर लिया। जिस पल मैंने उसे येस कहा, उसी एक पल में मैं उसकी गर्लफ्रेंड और वो मेरा बॉयफ्रेंड बन गया।बाद में मुझे पता चला कि मुझे पटाने के बाद उसने अपने दोस्तों को पार्टी भी दी थी, जैसे मुझे पटा कर उसने एम बी ए में फ़र्स्ट क्लास हासिल कर ली हो।चलो यारी हो गई तो फिर अक्सर हम कॉलेज की कंटीन में और यहाँ वहाँ मिलते। दिन रात मोबाइल पर एक दूसरे से बातें करते। बहुत दिन तो एक दूसरे को जानने में लग गए। बहुत कुछ सुनने को सीखने को भी मिला। कोई सहेली कहती- कुछ किया या नहीं? …और यहीं से सब बदल गया