मेरी पिछली कहानियों के लिए ढेर सारे मेल आए, उसके लिए आप सब का बहुत धन्यवाद.कुछ दोस्त मुझसे सेक्स करने की चाहत रखते हैं, तो कुछ ने लड़की के नाम से मेल आईडी बना कर हेल्प के लिए मुझसे सम्पर्क किया. दोस्तों आपसे विनम्र निवेदन है, ऐसा मत किया करो प्लीज़.जिन्होंने मेरी कहानियां पढ़ी हैं, वो मेरे बारे में जानते हैं, जिन्होंने नहीं पढ़ी हैं, उनको पहले मैं अपने बारे में बता दूं. मेरी हाइट 5 फ़ीट 3 इंच है और मेरा रंग गोरा है. मेरी चूचियों की साइज़ 32, कमर 28 और कूल्हे 36 के हैं. मेरी उम्र 20 साल है. मैं लड़कों की तरह छोटे बाल रखती हूँ.मेरी हाइट कम होने के कारण मेरे चूतड़ काफी बड़े दिखते हैं. मेरे स्कूल के समय से ही लड़के मेरे चूतड़ों के दीवाने थे. मुझे जीन्स और शर्ट टॉप पहनना पसन्द है. मेरी चूचियां गोल हैं और निप्पल भूरे रंग के हैं, चेहरा गोल है.पिछली बार जब मैं दिल्ली से घर आई थी, तो मुझे पहाड़ों में आकर बहुत सुकून मिला. फिर 5 दिन बाद मेरे मामा अपनी लड़की की शादी का न्यौता देने और मुझे साथ ले जाने के लिए आए.मम्मी ने मामा के साथ जाने के लिए हां कर दी और मैं मम्मी के साथ मामा के घर चली गयी.मामा ने अपनी बेटी पहले ही बुला लिया था. अभी उनकी शादी में 8 दिन बाकी थे. जब मेरे मामा की बेटी यानि मेरी दीदी मुझसे मिलीं, तो मैंने दीदी से बात की, लेकिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की. पता नहीं क्यों उनको मुझसे नाराजगी थी. दो दिन ऐसे ही बीत गए.मैं शादी के लिए कपड़े खरीदना चाहती थी. जब मैंने दीदी से पूछा तो उन्होंने मना कर दिया- मुझे नहीं मालूम, जो खरीदना है खरीदो. मुझे दीदी की ऐसी बेरुखी बातों से रोना आ रहा था. खैर मैंने कपड़े नहीं खरीदे, जो मेरे पास थे, उन्हीं को पहनने का मन बना लिया.शादी से एक दिन पहले सभी मेहमान आ गए थे तो रात को सोने का इंतजाम करने लगी. महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था कर दी गयी और पुरुषों को अलग से.मैंने अपने लिए छत पर बिस्तर लगा दिए ताकि शोर शराबे से दूर आराम से सो सकूँ. मैं खाना खाकर करीब 9 बजे छत पर जा कर अपने बिस्तर पर लेट गयी. …और कहानी ने मोड़ लिया