Xmyra के प्रेमी पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप सभी पाठकों के इतने मेल्स आते हैं कि सबका जवाब देना मुमकिन ही नहीं हो पाता और जो भी मुझे मेल करता है वो चाहता है कि मैं उससे चुदूं। ऐसे ही एक जोड़े रजनी और आनन्द के मुझे कई मेल्स आये और उन्होंने मुझसे मिलने की ख्वाहिश जाहिर की मगर हर बार मैं उन्हें मना करती रही क्योंकि पहले मुझे वो झूठे लगे लेकिन जब उन्होंने अपनी कुछ अतरंग तस्वीरें मेल की तब जाकर मुझे लगा कि वो झूठे नही हैं, इसके बाद मैंने उनसे मिलने के लिए हाँ कर दी और मिलने के लिए एक दिन तय कर लिया। इसके बाद मैंने अपने पति को इस बारे में बताया तो उसने तुरंत कहा कि तुम जैसा चाहती हो कर सकती हो। आखिर तय दिन पर सुबह 11 बजे तैयार होकर मैं मॉल पहुँच गई, मैंने नीले रंग की साड़ी पहनी थी। आनन्द को देखकर एक बार तो मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मुझे देखकर रजनी मेरी तरफ़ बढ़ी और मुझसे हाथ मिलाया, मैंने भी इसका जवाब मुस्कुरा कर दिया। फिर मैंने उनसे मीटिंग का कारण पूछा तो आनन्द ने बताया कि रजनी भी मेरे सेक्स नेटवर्क में शामिल होना चाहती है इसी कारण वो मुझसे मिलना चाहते थे कि कहीं मैं झूठी तो नहीं हूँ। मैंने कहा कि पहले मैं आपका घर देखना चाहती हूँ क्योंकि आपके घर में और कोई नहीं रहता इसलिए हम वहाँ बाकी सारी बातें कर सकते हैं। तो उसने बताया कि वो हमेशा से अनजाने लोगों से चुदना चाहती रही थी मगर उसके परिवार की बन्दिशों के कारण नहीं कर पाई इसलिए उसने शादी के एक हफ्ते बाद ही आनन्द को अपनी यह इच्छा बताई, पहले तो आनन्द ने मन किया लेकिन बाद में मान गया। रजनी मेरी कहानियाँ काफी समय से पढ़ती आ रही है, इसलिए उसने मुझसे सम्पर्क किया। उसने फटाक से सिगरेट ले ली, इससे पहले वो सिगरेट जलाती उससे पहले मैंने उसे रोका और उसे अपने कपड़े उतारने को कहा। मैंने उसके गाल पर तमाचा मारा और कहा- बहन की लौड़ी रंडी बनने आई है और कपड़े उतारने में नखरे दिखा रही है। मैंने ही उठकर उसकी टी-शर्ट और स्कर्ट खोल दी। अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी, मेरे जोश को देख उसमें भी जोश आ गया और उसने अपने स्तनों को ब्रा की कैद से आजाद कर दिया और उसके बड़े-बड़े चूचे हवा में लहराने लगे। उसके चूचे देखकर मुझसे रहा न गया और मैंने अपने होंठ उसके स्तनों से चिपका दिए। मैंने उसे हाँ कह दिया मगर मैंने कहा- मैं अभी तुम से नहीं चुदूंगी, जब मेरा तुम से चुदने का दिल होगा तब मैं खुद तुमसे चुदने आ जाऊँगी। रजनी बेड पर नंगी लेटी पड़ी थी और आनन्द का लौड़ा भी पूरे शबाब पर था, रजनी बेड पर लेटे-लेटे सिगरेट के कश ले रही थी। मैंने आनन्द का लौड़ा अपने हाथ में पकड़ा, इस वजह से उसका लौड़ा सांप की तरह फनफना उठा। मैंने उसका लौड़ा अपने मुँह में रखा और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। आनन्द के फनफनाते हुए लौड़े को देखकर मुझे भी जोश आ गया, मैंने भी अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउस के हुक खोलकर उतार दिया और पेंटी और ब्रा में आ गई। फिर वो अपना मुँह मेरे चूचों की तरफ लाया, बिना ब्रा खोले ही ऊपर से जीभ फेरने लगा। रजनी भी अब तक कामुकता के सागर में तैरने को तैयार हो चुकी थी, उसने भी मेरा एक चुच्चा अपने मुँह में ले लिया। मैंने आनन्द को अपने ऊपर आने और मेरी चूत का चोदन करने के लिए कहा। तब तक आनन्द का लंड बैठ चुका था। एक बार मुख में लेने के बाद रजनी को भी लौड़ा चूसने में मजा आने लगा और वो भी मजे लेकर आनन्द का लौड़ा चूसने लगी। फिर मैंने लौड़े की जिम्मेदारी लेते हुए आनन्द को लिटा कर उसके लौड़े के ऊपर सवार हो गई, आनन्द भी नीचे से झटके मारने लगा करीब 20 मिनट की मेहनत के बाद आनन्द छुट गया और पानी पूरा बिस्तर पर गिर गया। इसके बाद हम तीनों साथ में मिलकर नहाए और आपस में बदन रगड़-रगड़कर मजा किया। आप मुझे जरूर बताएँ कि आपको यह कहानी कैसी लगी।
पिछले काफ़ी दिनों से व्यस्त रहने के कारण मैं अपनी कोई नई कहानी नहीं लिख पाई, इसके लिए मैं माफ़ी की तलबगार हूँ।
कई लड़कियाँ मेरी कहानियाँ पढ़ने के बाद मेरे सेक्स नेटवर्क से जुड़ी जिनमें से कुछ पैसों और ज्यादातर चुदाई का मजा लेने के लिए जुड़ी।
मैंने रजनी और आनन्द को मिलने के लिए एक मॉल नेताजी सुभाष प्लेस बुलाया क्योंकि उनका घर भी उसके पास ही था।
आनन्द और रजनी पहले से ही मेरा इन्तजार कर रहे थे, रजनी ने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी हुई थी, वो एकदम माल लग रही थी, उसको देखने से ही पता चल रहा था कि वो एक अमीर परिवार से है और आनन्द भी काफी स्मार्ट और अच्छे बदन का है।
इसके बाद उन दोनों ने बताया कि वो दोनों दीपाली (जगह का नाम) में रहते हैं, उनके साथ कोई नहीं रहता, वो दोनों पति पत्नी हैं और उनकी शादी को अभी बस 2 महीने हुए हैं।
मैंने रजनी को ऊपर से नीचे तक देखा, चूँकि रजनी बहुत ही खूबसूरत लड़की है जिसके चूचे बहुत भारी, करीब 36 होंगे और व्यक्तित्व भी काफी शानदार है।
आनन्द अपनी गाड़ी में और रजनी मेरी कार में बैठी और मुझे अपने घर की तरफ ले गई, रजनी ने कार एक आलीशान घर के सामने रोकने को कहा, आनन्द पहले से वहाँ हमारा इन्तजार कर रहा था।
घर में घुसने के बाद हमारी बातें शुरू हुई, मैंने रजनी से पूछा- तुम मेरा सेक्स नेटवर्क क्यूँ ज्वाइन करना चाहती हो?
चूँकि उनके घर में आनन्द और रजनी के आलावा और कोई नहीं था और दोनों को रजनी की चुदाई से कोई परेशानी नहीं थी इसलिए मैंने रजनी को हाँ कर दी।
मैंने रजनी से पूछा कि क्या तुम काल गर्ल बनने के लिए तैयार हो?
तो उसने कहा- दीदी, मैं बस रण्डी, वेश्या बनने के लिए मरी जा रही हूँ।
मैंने अपने पर्स से एक सिगरेट निकाली और रजनी की तरफ बढ़ाई और कहा- एक सुट्टा तो मार कर दिखाओ?
आनन्द बैठे-बैठे सब तमाशा देख रहा था मगर कुछ बोल नहीं रहा था।
रजनी ने पूछा- कपड़े क्यूँ उतारने पड़ेंगे।
मैं कुछ आगे बढ़ती उससे पहले ही आनन्द बोला- रजनी तुम्हारा सेक्स नेटवर्क ज्वाइन करेगी और कभी किसी फीस की डिमांड भी नहीं करेगी मगर मेरी एक शर्त है।
मैंने उससे पूछा- क्या शर्त है?
तो उसने कहा- मैं तुम्हें एक बार चोदना चाहता हूँ।
मैं तो खुद आनन्द से चुदना चाहती थी क्योंकि वो इतना हृष्ट-पुष्ट और स्मार्ट था।
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इस पर आनन्द सहमत हो गया।
आनन्द का लौड़ा काफी बड़ा लग रहा था, मैंने आनन्द की तरफ बढ़ते हुए उसकी पैंट खोल कर उसका कच्छा उतारा और रजनी की तरफ इशारा करते हुए कहा- तुम्हारी बीवी तुम्हारा इन्तजार कर रही है।
आनन्द बोला- रजनी मेरा लौड़ा मुँह में नहीं लेती।
मैंने कहा- जल्दी ही यह चुदक्कड़ लौड़े भी चूसने लगेगी।
मुझे यह करते देख रजनी ने आनन्द को अपनी चूत की तरफ इशारा करके अपनी तरफ बुलाया लेकिन आनन्द मेरे ख्यालों में खोया हुआ था।
आनन्द का एक हाथ मेरी पीठ और दूसरा हाथ मेरे चूतड़ों पर आ गया और उसने मुझे अपने आगोश में समेट लिया।
मेरी कामुकता बढ़ती जा रही थी, मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा खोल दी और पूरी तरह से आनन्द के रंग में रंग गई।
आनन्द और रजनी दोनों मेरा एक-एक स्तन चूस रहे थे।
मैंने अपनी पेंटी खोली और अपनी चूत में उंगली करते हुए आनन्द को अपनी चूत चाटने का हुक्म दिया, मैंने रजनी को भी शामिल करते हुए अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों का रसपान किया।
इतने में आनन्द मेरी चूत अपनी जीभ से चाटने लगा, करीब 15 मिनट तक हम तीनों उसी पोज में लेटे रहे और रजनी मेरे होंठों और आनन्द मेरी चूत चाटता रहा।
इस बार मैंने रजनी से आनन्द का लौड़ा चूसने को कहा जिसे उसने नकार दिया।
मैंने उसे बालों से पकड़ते हुए जबरदस्ती आनन्द का लौड़ा रजनी के मुख में घुसा दिया और चूसने को कहा।
इतने आनन्द फिर से मेरे 38 इंच के उरोजों पर चिपक गया। रजनी के चूसने के कारण आनन्द का लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।
क्योंकि मेरी चूत का पहले से ही भोंसड़ा बना हुआ था तो एक ही झटके में आनन्द का पूरा लौड़ा मेरी चूत में आराम से घुस गया और वो झटके ले-लेकर मेरा चोदन करने लगा।
मैंने फिर से उसका लौड़ा चूसा और चूस-चूसकर लौड़ा साफ़ किया। थोड़ी देर में लौड़ा फिर फुफकारने लगा और चूत मांगने लगा, इस बार रजनी ने आगे आते हुए आनन्द से चुदवाया।
आगे की घटना मैं आपकी मेल मिलने के बाद लिखूंगी।
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