मेरे जन्मदिन पर मेरे यार ने दिया दर्द-5 (Mere Janamdin Pe Mere Yaar Ne Diya Dard- Part 5)

मैं उसके लन्ड को सहला रही थी और वो मेरे जिस्म पर हाथ फिरा रहा था, कभी मेरे बूब्स पर से हाथ ले जाता हुआ मेरी कमर पर औ

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करन बहुत ज़िद करने लगा तो आखिरकार मुझे ही उसकी ज़िद के आगे झुकना पड़ा और मैं बोली- अच्छा बाबा चोद लो, खुश? करन एकदम उछल के खड़ा हो गया और बोला- झुक जाओ फिर! मैंने कहा- ऐसे कैसे झुक जाऊँ, पहले तेल से चिकनी कर लो, गांड में चिकनाहट नहीं होती, और अपने लन्ड को भी चिकना कर लो तभी डलवाऊँगी, वरना नहीं! अब मैंने इतनी ज़िद मानी तो एक बात मेरी भी तो मानो। करन बोला- चलो बाबू, आपके लिए इतना तो कर ही सकता हूँ। चलो झुक जाओ आगे की तरफ।मैं बेड पर आगे झुक के घोड़ी बन गयी और चूत और गांड उसके हवाले कर दी। करन ने कहा- ऐसे करो तुम मुंह शीशे की तरफ कर लो ताकि मैं तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को देख सकूँ चोदते हुए। तो मैं घूम गयी शीशे की तरफ और हम दोनों को देखने लगी।अब थोड़ी ही देर में एक बार फिर मेरी दर्दनाक चुदाई होने वाली थी। करन मेरी गांड के बाहर तेल से मालिश करने लगा अपने हाथों से। मैंने कहा- अंदर डालो तेल ... वहाँ जरूरत पड़ेगी ज्यादा। उसने बोला- ठीक है, टांगें खोलो. थोड़ी सी तो मैंने खोल दी। मेरी गांड का छेद अब थोड़ा खुल गया।करन ने अपनी उंगली तो तेल में तर किया और मेरी गांड पर रखी। जैसे ही उसने जरा सी उंगली अंदर डाली, मैं ऊई... सीईई... करते हुए मचल के आगे हो गयी और बोली- आराम से करन! वो बोला- ठीक है डियर! और वो भर भर के गांड में तेल लगाने लगा और खुद को असहनीय दर्द को बर्दाश्त करने के लिए मानसिक रूप से तैयार करने लगी।करन बोला- लो जी तैयार है मैडम आपकी गांड और मेर लन्ड भी, शुरू करूँ? मैं करन की तरफ मुंह करके बोली- ठीक है ... पर आराम आराम से, जंगलियों की तरह नहीं। उसने कहा- बिल्कुल डियर!मैंने हम्म करके सर वापस शीशे की तरफ कर लिया और हम दोनों को देखने लगी। करन बहुत खुश लग रहा था जैसे किसी छोटे बच्चे को उसका मनपसंद खिलौना मिल गया हो, अब बस वो उस खिलौने से खेलना चाहता था।करन ने अपने लन्ड का मोटा सुपारा मेरी गांड के छेद पर रखा तो मैंने हुंहह... करके एक गहरी सांस ली। …और यहीं से सब बदल गया

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Comments
asha 6 yrs

Very nice