वो दादर रेलवे स्टेशन पर टी.सी. की जॉब करता था और मैं माहिम रेलवे स्टेशन पर. साहिल मुझसे अपनी बहनों की बात करता रहता था और मैं उसको अपनी भान्जियों के बारे में बताता रहता था.हमें बाद में पता चला कि हम दोनों वर्चुअल ही नहीं बल्कि रीयल लाइफ में भी दोस्त हैं. साहिल की हाइट 5.7 फीट थी. वो देखने में हट्टा कट्टा था और उसको देख कर लगता नहीं था कि वो 40 को पार कर गया है.एक दिन वो मेरे घर पर आ गया. वह मेरी भान्जियों की जवानी को और करीब से देखने के लिए आया था. वह हमारी पहली मुलाकात थी. जब वो घर आया तो मैंने हीना बानू को कॉफी बनाने के लिए कहा और वो कुछ ही देर में कॉफी बनाकर ले आयी. हीना ने एक गुलाबी रंग की साड़ी और उस गहरे गुलाबी रंग का लो-नेक ब्लाउज पहना हुआ था. वो उसमें ऐसी लग रही थी कि मन कर रहा था उसको नंगी करके अभी उसकी चूत चाट कर उसका पानी निकाल दिया जाये. लेकिन अभी तो साहिल उसके मजे लेने के लिए आया था.उस दिन हीना ने साहिल को पहली बार देखा था मगर फोन पर होने वाली चैट पर वो एक-दूसरे को पहले से ही जानते थे. हीना भी साहिल को देख कर खुश हो गई थी. वो उसको मामा बुलाती थी. उसने कॉफी का कप टेबल पर झुक कर रखते हुए कहा- वेलकम साहिल मामा. ये लीजिए आपके लिए कॉफी. फिर उसने दूसरा कप मेरी तरफ बढ़ाते हुए मुझसे कहा- अरमान मामा, ये आपके लिये. झुकते हुए उसकी चूचियों की क्लीवेज पर मेरी नजर पड़ी तो मन किया कि इसको नंगी करके अभी चोद दूं.साहिल ने उसको पहली बार देखा था तो साहिल की नजर उस पर से हट नहीं रही थी. मैंने इससे पहले साहिल को हीना की बस एक ही फोटो दिखाई थी जिसको देख कर साहिल मुट्ठ मारा करता था. साहिल का लंड मैंने देखा हुआ था. वो एक महान लंड का मालिक था. मैंने कहा- हीना यही साहिल है जिससे मैंने तुम्हारी फोन पर बात करवाई थी.साहिल ने उठ कर उसके साथ हाथ मिलाया और फिर हीना भी हमारे साथ ही बैठ गई. हीना अभी कुंवारी थी और उसकी उम्र 26 साल हो चुकी थी. मगर उसकी जवानी को देख कर लगता था कि वह 22-23 के आस-पास ही होगी. …और यहीं से सब बदल गया