मैं और काजल बात कर ही रहे थे कि सुमिना वो गुलाबी टॉप पहन कर बाहर आ गई. सच कहूं तो सुमिना उस टॉप में किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी. मेरी बहन की खूबसूरती सच में किसी की भी नज़र उस पर रोकने में बखूबी सक्षम थी. फिर चाहे वो नज़र किसी लड़की की ही क्यों न हो.एक बार तो मेरा मन भी सुमिना के उस टॉप में उठे उसके उरोजों को देखकर जैसे वहीं पर ठहरने सा लगा था. मगर सुमिना मेरी बहन थी इसलिए उसके बारे में अपने मन में ऐसे ख्याल लेकर आने की इजाजत मेरा ज़मीर मुझे कतई नहीं दे रहा था. फिर नज़रें तो नज़रें ही होती हैं उन पर रोक लगाना इतना सरल कहां है.सुमिना उस टॉप में बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसके काले चमकीले बाल उस टॉप पर उसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने के साथ-साथ कितने ही तारे भी साथ में जोड़ रहे थे. काजल ने सुमिना की तारीफ करते हुए कहा- बहुत सुंदर लग रही हो ... काजल के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर सुमिना खुश हो गई.काजल को भी वो टॉप काफी भा गया था. इसलिए उसने उसे खरीदने का मन बना लिया. वो अंदर जाकर जल्दी से चेंज करके वापस बाहर आ गयी. इस दौरान मुझे काजल से कुछ और बात करने का मौका नहीं मिल पाया.फिर हम तीनों बिलिंग काउंटर की तरफ चले गये. वहां जाकर सुमिना ने बिल बनवाया और टॉप लेकर हम मां-पापा का इंतजार करने लगे. कुछ मिनट तक हमने उनके आने का इंतज़ार किया लेकिन वो लोग कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे. फिर हमने सोचा कि तब तक कॉफी शॉप पर चल कर कॉफी ही पी लेते हैं.हम लोग कॉफी शॉप में चले गये और वहां जाकर मैंने तीन कॉफी ऑर्डर कर दी. हमने टेबल ले ली और काजल मेरी बहन सुमिना के साथ मेरे सामने बैठ गई. वो दोनों कुछ इधर-उधर की बातें करने लगी और मैं अपने फोन में टाइम पास करने लगा. बीच-बीच में मैं काजल की तरफ देख रहा था. उसे देखकर जी नहीं भर रहा था लेकिन बेशर्म होकर बहन के सामने ताड़ तो नहीं सकता था उसकी सहेली को इसलिए फोन का बहाना बनाया हुआ था.काजल को भी मैंने कई बार मेरी तरफ देखते हुए पकड़ लिया था. वो जब हंसती थी तो दिल पर जैसे कटार चल जाती थी. …और फिर सब बदल गया