नितिन कुमार आज मैं अपनी सच्ची कहानी यहाँ पर लिख रहा हूँ, आशा करता हूँ आप को पसंद आएगी। यह बात आज से लगभग दो साल पहले की है जब मैं अपने दोस्त की शादी में गाँव गया था। मेरे मन में कामवासना जागृत हो गई। मैं अब उसे चोदने की सोचने लगा, किंतु ऐसा सब होना सम्भव सा नहीं था। मैंने उस रात उसके बारे में सोच कर दो बार हस्तमैथुन किया। अगले दिन मैंने अपने मित्र को उसके बारे में बताया तो उसने कहा- उसका पति काफी अधिक शराब पीता है और उसके साथ मारपीट करता है। अब मेरे मन में उसके प्रति लगाव सा हो गया। मैंने उससे उसके पति के दारू पीने का कारण पूछा तो कहने लगी- क्या करोगे जानकर? तब मैंने उससे कहा- मैं शायद उसकी दारू छुड़वाने में तुम्हारी कुछ मदद कर सकूँ। वास्तव में मैं सिर्फ उससे बात करना चाहता था, मुझे कुछ और चीज नहीं सूझी तो मैंने वैसे ही कह दिया था। तब वो कहने लगी- रहने दो.. क्या करोगे जानकर… उसके छूने से शरीर में झनझनाहट पैदा हो गई और मेरा लिंग खड़ा हो गया। तब वो बोली- मैंने कई बार ऐसा सोचा किन्तु मेरे पति की हरकतों के कारण कोई भी आदमी हमारे घर आना पसंद नहीं करता है। तब मुझे तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई, मैंने उससे कहा- मैंने जब से तुमको देखा है, तब से ही मैं तुम पर फिदा हूँ। क्या तुम मेरे साथ सम्भोग करना चाहोगी? मेरे इस अंदाज में बोलने पर वो कहने लगी- क्या तुम सच में मुझे एक बच्चा दे सकते हो? तब मैंने उससे कहा- जरूर… मैं तुम्हारी कामना को पूरा करने में मदद करूँगा। मैंने उठ कर उसके होंठ चूम लिए जिससे वो घबरा गई और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी। तब मैंने दोबारा उसके होंठों को चूम लिया, अबकी बार वो मेरा साथ दे रही थी, करीब 5 मिनट तक हम एक-दूसरे के होंठ चूमते रहे। अब मैंने उसके नीचे हाथ डाल दिया तो उसने मेरा हाथ रोक दिया और कहने लगी- पहले अपने कपड़े उतारो। मैंने कहा- तुम खुद उतार लो। तब उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। मेरे लिंग को देख कर उसने उसे हाथ में ले लिया और कहने लगी- मेरे पति का काफी छोटा और पतला है। तब मैं उससे बोला- लिंग छोटा या बड़ा होने से कुछ नहीं होता है। बस आदमी में सम्भोग करने के लिए ताकत होनी चाहिए। मेरे लिंग का नाप लगभग 7.5 इंच है। मैं उसे लिटाते हुए उसकी योनि को देखने लगा क्योंकि वो मेरा पहला अनुभव था। मेरे मन में उसे चूमने की इच्छा हुई, जैसे ही मैंने उसे चूमा वो एकदम से ‘उहह.. आह’ करने लगी। अभी तक अन्तर्वासना पर पढ़ कर जितना ज्ञान अर्जित किया था, वो सारा मैं उस पर प्रयोग करना चाहता था। अब मैंने थोड़ा ज़ोर लगा कर लिंग अन्दर किया तो वो एकदम से चीख उठी। मैंने उससे पूछा- ज्यादा दर्द हो रहा है क्या? तो उसने कहा- इस दर्द में ही तो मजा है। अभी मेरा लिंग आधा ही अन्दर गया था मैं धीरे-धीरे पेलने लगा, तो उसे कुछ कम तकलीफ महसूस हुई। मैंने उसके होंठों पे अपने होंठ रखते हुए एक ज़ोर का धक्का मारा और लिंग पूरा अन्दर हो गया, वो दर्द से छटपटने लगी। थोड़ी देर मैं उसी अवस्था में रुका रहा, जब वो कुछ सामान्य हुई तो मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए। कुछ समय के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। लगभग 10-15 मिनट में वो कहने लगी- मेरा होने वाला है..! फिर तो अगले तीन दिनों तक मैं उसके साथ सम्भोग करता रहा और वो भी मुझसे पूर्ण रूप से संतुष्ट रही। उसके बाद मैं वापस नोएडा आ गया। आज वो मेरे बच्चे की माँ है लेकिन इस बात को या तो मैं जानता हूँ या वो.. और अब आप लोग भी इस बात से वाकिफ हो चुके हैं। दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी।
नमस्कार मेरा नाम नितिन है, मैं नोएडा मैं रहता हूँ और मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मुझे इस पर कहानियाँ पढ़ना अच्छा लगता है।
जैसा कि अक्सर होता है कि घर में मेहमान काफी थे, मेरे दोस्त ने मेरे सोने की व्यवस्था अपने पड़ोस में कर दी थी। उस पड़ोसी का नाम जितेन्द्र था। उसकी उम्र 30 साल के लगभग थी उसकी पत्नी का नाम कविता था जिसकी उम्र 27 साल के आस-पास थी। उसे देख कर तो मैं अपने होश खो बैठा, क्या गज़ब का बदन था उसका।
दोपहर में मैं मौका देख कर उसके घर चला गया।
वो मुझे बैठा कर चाय बनाने चली गई।
थोड़ी देर में वो चाय लेकर आई तो मैंने उसके पति के बारे में पूछा, तो कहने लगी- वो तो शाम को ही आएँगे दारू पीकर।
मेरे अधिक दबाब देने पर उसने बताया- उसका पति बच्चा नहीं पैदा कर सकता है, इसलिए वो दु:खी रहता है और दिन भर दारू पीता है।
मैंने फिर उससे पूछा- कोई दवाई नहीं ली क्या?
तो कहने लगी- काफी चेक-अप करवाए हैं, किन्तु कोई फायदा नहीं हुआ है।’
चाय खत्म करने के बाद मैंने उससे कहा- अगर वो बुरा न माने तो मैं उसकी मदद कर सकता हूँ।
तो वो बोली- कैसे?
मैंने उससे कहा- फिर कभी बताऊँगा।
और मैं वहाँ से चलने के लिए उठ गया। तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बैठाते हुए बोली- पहले बताओ.. फिर जाने दूँगी।
तब मैंने उससे कहा- अगर तुम बच्चा चाहती हो तो किसी और के साथ सम्भोग कर लो।
इतना कहते ही वो मेरे तरफ बड़ी उम्मीद से देखने लगी।
मैंने उसे छोड़ दिया तो वो एकदम से दरवाजा बंद करने चली गई।
वापस आकर बोली- दरवाजा खुला था, कोई भी आ सकता था।
मेरा लिंग तन गया, मैंने उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया। हम दोनों की साँसे काबू में नहीं थीं, ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं जन्नत में हूँ। ये मेरा पहला अनुभव था, काफी देर तक चूमते हुए मैंने उसकी चोली में हाथ डाल दिया।
क्या चूचियाँ थी यार…!
मैंने कभी किसी औरत की चूचियाँ नहीं देखी थीं, मैंने उसकी चोली उतार दी और उसकी चूचियों को दबाने लगा, जिससे उसकी सांस काफी तेज हो गई।
मैंने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था।
उसकी योनि बिल्कुल चिकनी थी।
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लगभग 15 मिनट तक मैं उसकी योनि को चूसता रहा।
फिर वो कहने लगी- मत तड़फाओ और जल्दी से मेरे अन्दर डाल दो… अब मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती।
मैं भी मौके की नजाकत को समझते हुए उसकी योनि में अपने लिंग को डालने की कोशिश करने लगा, किन्तु वो अन्दर नहीं जा रहा था। उसकी योनि काफी कसी हुई थी।
मैंने उससे कहा- लिंग को मुँह में डाल कर थोड़ा चिकना कर दो।
वो तो जैसे बिल्कुल तैयार बैठी थी, तो उसने तुरन्त ही लिंग मुँह में ले लिया और उसे चचोर कर अपने थूक से गीला कर दिया।
और वो एकदम से मुझसे चिपक गई, उसके साथ ही मेरा भी हो गया।
कुछ देर तक हम उसी स्थिति में लेटे रहे, फिर वो बोली- आज पहली बार मैं संतुष्ट हुई हूँ।
वो मुझे प्यार से चूमने लगी।
कुछ दिनों के बाद जब मैंने उस मित्र से उसके बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वो गर्भवती है।
जिसे जानकर मेरे मन में पूर्ण संतुष्टि हो गई।
यह मेरी पहली कहानी थी, यदि कोई गलती हो गई हो तो माफ कर देना।
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