Passport Agent ki Chudai अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, मैं अन्तर्वासना का शुक्रगुजार हूँ कि उन्होंने मेरी पहली कहानी एक दिन एक महिला का मुझे कॉल आया, उसकी मीठी सी आवाज़ आई, उसने किसी और को कॉल किया था मगर ग़लती से मुझे लग गया। उससे बातों-बातों में पता चला कि वो एक पासपोर्ट एजेंट है, वो मेरे पास के एरिया में ही रहती है। पहले दिन थोड़ी बात-चीत की और फोन रख दिया। अगले दिन मैंने उसको यूँ ही कॉल किया, उसने मुझे अपने बारे में सब कुछ बताया। वो शादीशुदा थी, उसकी उम्र 32 साल थी और उसका फिगर करीब 32-30-34 था। वो 2 बच्चों की माँ थी। एक दिन मैंने उसको मिलने बुलाया, वो बच्चों को स्कूल में छोड़ कर मुझसे मिलने आई। हम दोनों कार में बैठ कर एक सुनसान इलाक़े में गए। वहाँ मैंने सीधे ही उसको चुम्बन किया, उसकी किसी भी तरह की आपत्ति न देख कर मैंने उसकी कुरती में हाथ डाल दिया और उसके मम्मे दबाने लगा। मैंने उसकी कुरती ऊपर करके उसकी गुलाबी ब्रा देखी और उसके दूधों को भी दबा दिया। फिर मैंने उसकी सलवार में हाथ डालना चाहा, तो उसने मना किया कि ‘अभी नहीं’, मैंने उसकी बात मान ली। फिर हमने दो-तीन दिन यूँ ही फोन पर बात की। एक दिन उसने मुझे कहा- आज मैं अकेली हूँ। मैंने मज़ाक में कहा- घर आ जाऊँ? उसने कहा- आकर क्या करोगे? मैंने कहा- प्यार करूँगा। उसने कहा- तो आ जाओ। फिर उसने मुझे अपना पता दिया, मैं 20 मिनट में उसके घर पहुँच गया। फिर हम ऊपर के कमरे में चले गए। वहाँ उसने एसी चालू कर दिया। मैंने जाते ही उसको पकड़ लिया और उठा कर बिस्तर पर ले गया। मैं उसके ऊपर ही चढ़ गया और उसको बेतहाशा चूमने लगा। वो भी मस्ती कर रही थी। मैंने धीरे से उसकी साड़ी निकाल दी, अब वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी। मैंने उसकी नाभि को अपने होंठों से चूम लिया, वो बहुत सीत्कार कर रही थी और ज़ोर-ज़ोर से आहें भर रही थी। मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए उसका ब्लाउज निकाला, उसने लाल रंग की जालीदार ब्रा पहनी हुई थी, उसमें वो मस्त परी सी लग रही थी। मैं उसकी ब्रा निकाल कर उसके दूध चूसना चालू कर दिए। वो बहुत उत्तेजित हो रही थी, मुझे भी आग लग रही थी। मैंने अपना संयम खो दिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा, साथ ही उसके मम्मों को भंभोड़ता रहा। फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोला, उसने सफ़ेद पैन्टी पहनी हुई थी। मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली, विवाहित होने की वजह से उसकी चूत खुली हुई थी और बहुत प्री-कम निकल रहा था। मुझे कुँवारी चूत चाटना तो पसंद है, पर क्या करूँ यार वो खुली हुई चूत थी और उसका पानी भी निकल रहा था इसलिए चाटने का मन नहीं किया। मैंने उसको कहा- मेरा लंड चूसो। वो एकदम से तैयार हो गई। वो नीचे बैठ गई और उसने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया। मैं लंड चुसाई का आनन्द ले रहा था, साथ में वो कभी-कभी लंड को हाथ से मुठिया देती थी, उसने मेरे लवड़े को दम से चूसा और लौड़े के झड़ते ही सारा पानी उसके मुँह में चला गया। थोड़ी देर आराम करने के बाद फिर से मैंने अपना काम चालू कर दिया, इस बार मैं सीधा उसके ऊपर चढ़ गया और उसे चूमने लगा, साथ ही मैंने नीचे से उसके पैर चौड़े कर दिए। उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा, मैं हमेशा ही कन्डोम अपनी जेब में रखता हूँ, निकला और फटाफट से लौड़े पर लगाया और सीधा निशाना लगाया। एक ही झटके में पूरा लंड उसके अन्दर उतार दिया। मेरा लंड थोड़ा मोटा है, तो उसको थोड़ा सा दर्द हुआ। लेकिन फिर वो सामान्य हो गई। मैंने धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया। हम मिशनरी अवस्था में चुदाई कर रहे थे, इस अवस्था में सबसे ज़्यादा आनन्द आता है। मैंने उसकी दोनों टाँगें उठा लीं और उसके अन्दर पूरा लंड पेल दिया। वो थोड़ी सी चिल्लाई, पर मैं चुदाई के काम पर लगा रहा। मैंने तेज़-तेज़ झटके देना शुरू कर दिए, वो भी चुदाई का मजा ले रही थी। उसने भी नीचे से झटके देना चालू कर दिए। वो बहुत ही अच्छा साथ दे रही थी, मुझे मज़ा आ गया। वो भी बहुत खुश लग रही थी उसे भी चुदाई में संतुष्टि मिल रही थी। अब हमने आसन बदला, मैंने उसे अपने ऊपर आने दिया, वो मेरे ऊपर चढ़ गई और अब वो मेरी चुदाई कर रही थी। वो बहुत ही कामुक हो चुकी थी और उसके नाख़ून मेरी गर्दन और कंधे पर लग रहे थे। उसने मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया था और वो ऊपर से दमदार धक्के लगा रही थी मैं भी नीचे से उसकी हर चोट का जबाव दे रहा था। कुछेक मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद उसने कहा कि अब वो झड़ने वाली है। मैंने कहा- रूको 5 मिनट.. साथ में झड़ते हैं। फिर हम वापस मिशनरी अवस्था में आ गए। मैंने पूरा लंड वापस पेल दिया और लंड को तेजी से अन्दर-बाहर करने लगा। फिर दस मिनट के आराम के बाद उठे तो देखा कि चुदाई का सारा पानी बिस्तर पर था ओर चादर पूरी गीली थी। फिर मैंने फटाफट कपड़े पहने और मैं घर के लिए निकल गया, क्योंकि उसके बच्चों के स्कूल से वापस आने का वक्त हो गया था।
‘टेली कॉलर की गेस्ट हाउस में चुदाई’
पसंद की, कई पाठकों के ईमेल भी मिले, सबको धन्यवाद।
आगे नई कहानी लिखने जा रहा हूँ, यह कहानी एक साल पहले की है।
जैसा कि आप जानते है कि मैं एक सेल्स के क्षेत्र का बन्दा हूँ तो मैं बातें करने माहिर हूँ।
दो-तीन दिन में ही हमारी दोस्ती हो गई। फिर मैं उसके साथ फोन पर खुली बातें करने लगा।
वो भी मेरी बातचीत का आनन्द लेने लगी।
वो थोड़ा डर रही थी क्योंकि हम पहली बार मिले थे।
फिर उसने चुम्बन मे मेरा थोड़ा साथ देना शुरू किया।
वो काली साड़ी एकदम मस्त और बहुत ही कामुक लग रही थी। उसकी गोरी-चिट्टी देह काले रंग की साड़ी में होने के कारण वो एक बॉम्ब लग रही थी।
वो मैंने एक ही झटके में उतार दी।
उसकी चूत पर रेशमी झांटें थीं, मुझे भी झांटों वाली चूत पसंद है।
उसके पानी से बिस्तर पर एक गोला सा बन गया था।
उसके लंड चूसने के तरीके से मुझे पता चल गया कि वो एक पक्की चुदक्कड़ औरत है।
उसने पूरा लंड मुँह में ले लिया और जीभ से चाटने लगी।
वो सारा पानी निगल गई, मैं समझ गया कि वो एक बड़ी ठरकी औरत है, पर मुझे क्या.. मैं तो उसे चोदने ही आया था।
चूत पानी निकलने की वजह से चिकनी हो गई थी सो मेरा लंड बड़े आराम से अन्दर-बाहर हो रहा था।
फिर एक सैलाब सा आया और हम दोनों साथ में झड़ गए।
उसके बाद हमारा यह चुदाई का कार्यक्रम एक साल तक चला, अब हम सिर्फ़ दोस्त हैं, कभी-कभी फोन पर बात करते हैं।
आशा है आपको यह कहानी पसंद आई होगी, मुझे अपने विचार भेजने के लिए लिखें।
