नितिन गुप्ता आप सब ने इतने प्यार से मुझे इतने सारे मेल किए कि मैं समझ नहीं पाया कि आज के इस भाग दौड़ के युग में भी लोग इतना समय तो निकाल लेते हैं कि किसी की मदद कर सकें। आप सभी के मेल के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। तो बात है एक रात की । वो जा रही थी रस्ते पर पैदल । मैं उसके पीछे लग गया कि वो कहाँ जायेगी । तो चल पड़ा मैं इसी आस में । अचानक एक सुनसान मोड़ आया । मैंने पूछ लिया कि आप कहाँ जाना चाहती हो । वो बोली कि मुझे डर तो लग रहा है लेकिन रास्ते से नहीं आपसे । आपको मेरी इतनी फिकर क्यूँ हो रही है । उसका जवाब सुनकर मैं कुछ न कह सका । मैंने कहा कि अगर आप चाहो तो मैं आपको छोड़ सकता हूँ । मेरी इस बात से वो डर गई । वो बोली कि चलो फ़िर तुम्हारे साथ चलते हैं । वो मेरे साथ साथ चलने लगी । हमने रास्ते में कोई बात नहीं की । फ़िर अचानक बारिश होने लगी । मैंने कहा रोने की कोई बात नहीं है । उसने कहा कि ये मेरी मनपसंद ड्रेस है अगर गीली हो गई तो ख़राब हो जायेगी । मैं समझ गया कि इसे अपनी ड्रेस को भीगने से बचाना है । मैं जल्दी ही एक पास के गेस्ट हाउस की ओर चल दिया । मैंने वहां रात भर के लिए एक कमरा ले लिया । हम दोनों कमरे में अकेले थे । मैंने देखा कि उसकी ड्रेस थोड़ी सी भीग चुकी थी । मैंने कहा कि तुम बीमार न हो जाओ इस लिए कपड़े बदल लो । मैं चुप हो गया ।। वो बोली की मुझे सर्दी लग रही है, कुछ करो ना । ये सुन कर मुझे जोश आ गया । मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया । वो बोली कि तुम तो बहुत तेज़ हो । मैंने कहा कि आओ अपने कपड़े उतार देते हैं । उसने अपने कपड़े तो उतारे ही मेरे भी उतार दिए । उसकी चिकनी चूत ने मेरा दिल जीत लिया । वो मस्त हो गई और चुदने को तैयार थी । मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी । वो बोली- मादरचोद ऊँगली से ही चोदेगा तो लण्ड किसलिए है । मैं समझ गया कि इसे ठीक से चोदना होगा । मैंने उसकी चूत में लण्ड डाल दिया । अब वो मेरा लोहा मान चुकी थी । थोड़ी देर में लण्ड फ़िर खड़ा हो गया । मैंने फ़िर से उसे चोदना जारी किया । अब वो थक गई थी और जाना चाहती थी । मैं भी उसे जाने की इजाज़त दे चुका था । हम कमरे से बाहर आ गए । वो जाने ही लगी थी की मुझे मेरा बॉस दिखाई दिया । लेकिन ये क्या वो उस लड़की से बात कर रहा था । वो लड़की जा चुकी थी । अगले दिन ऑफिस में पता चला की मेरी नौकरी जा चुकी थी । वो बॉस की बेटी थी । मेरा बॉस जान गया था कि मैंने उसकी बेटी को नंगा किया है । जी हाँ मेरी नौकरी जा चुकी थी । चुदी वो नही चुद तो मैं गया था । तो दोस्तों ऐसा ही होता जब सिर्फ़ चोदो और चोदते समय कुछ न सोचो ।। मैंने भी सिर्फ़ उसकी चूत ही देखी और उसके बारे में बाकी सब कुछ पूछना भूल गया । तो दोस्तों चोदो चुदाओ और लाइफ को खुशहाल बनाओ । क्यूंकि इससे नुक्सान नहीं फायदा ही होगा ।। आप सब की मेल का मुझे एक बार फ़िर से इन्तज़ार रहेगा।
आपकी मेल से लगता है कि मैं आपको पसंद आया हूँ।
तो एक बार फ़िर से एक नए किस्से के साथ आपसे मिलने आया हूँ।
एक लड़की के साथ की ।।
मैं भी उसे देख कर हो गया पागल ।।
अगर मौका मिला तो शायद मेरी बात मान जायेगी ।।
उस मौके की तलाश में ।।
मैंने भी एक ज़बरदस्त मौका पाया ।।
अगर अकेले डर लग रहा हो तो क्या मेरे साथ आना चाहती हो ।।
वैसे डरी तो नहीं मैं कभी नहीं अपने बाप से ।।
क्या रास्ता सुनसान देखकर आपकी पैंट गीली हो रही है ।।
लेकिन उसकी मुस्कान को देखकर चुप भी न रह सका ।।
वैसे डर न लगे इसके लिए मैं भी जेब में एक चाकू रखता हूँ ।।
या शायद मेरी दिलेरी देख कर मुझ पर मर गई ।।
हम भी साथ चलने से कहाँ टलते हैं ।।
मेरी तो जैसे साँसें ही थमने लगी ।।
मेरी तरफ़ उसने देखा और रोने लगी ।।
तुम ऐसा क्यूँ सोचती हो कि कोई साथ नहीं है ।।
अभी महंगी ड्रेस है लेकिन फ़िर केवल जुराब हो जायेगी ।।
एक लड़की को पटाने का ये भी अच्छा बहाना है ।।
साथ ही अपना लण्ड जो खड़ा हुआ था को भी हल्का सा मसल दिया ।।
रूम में कोई परेशान ना करे इसके लिए रिसेप्शन पर ही सौ का नोट भी एक्स्ट्रा धर दिया ।।
लेकिन मेरे मन में अभी भी कुछ झमेले थे ।।
शायद इसी वजह से वो मेरे साथ एक ही कमरे में रुकी थी ।।
उसने कहा ये गेस्ट हॉउस है तुम्हारे बाप की ससुराल नहीं जो यहाँ कपड़े भी मिल जाएँ ।।
ओर अगर एक अकेली लड़की के साथ भी कुछ नहीं कर सकते तो डूब मरो ।।
या यूँ कहो थोड़ा देर में ही सही लेकिन होश आ गया ।।
ओर एक ज़ोर का चुम्मा उसके गालों पे कर दिया ।।
चुम्मे से ऐसा लगा जैसे अँगरेज़ हो ।।
जो मौका मिला है इसे संवार लेते हैं ।।
मेरी एक रात क्या मेरे तो जैसे जनम ही संवार दिए ।।
देर न करते हुए मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया ।।
मेरी नैया भी पार लगने को बेकरार थी ।।
थोड़ी ही देर में उसने रस की एक धार बाहर निकाल दी ।।
मैंने भी जिंदगी में बहुत से लण्डों के रस पिए हैं ।।
इस की अकड़ को ज़रा ठीक से रोंदना होगा ।।
इतनी जोरों से चोदा कि उसके मुंह से हाय हाय निकाल दिया ।।
मेरे लण्ड की जान को अब वो शायद जान चुकी थी ।।
लेकिन अब पहले से भी ज्यादा बड़ा हो गया ।।
उसके मुंह, गांड और चूत को बारी बारी किया ।।
मुझ से चुदवा कर शायद किसी और से भी चुदवाना चाहती थी ।।
क्यूंकि उसका मज़ा मैं हर तरफ़ से ले चुका था ।।
उसका चेहरा देखते ही मैंने अपना मुंह छुपा लिया ।।
मेरा दिल जोरों से थर्र थर्र कर रहा था ।।
मेरी साँसें वापिस आ चुकी थी ।।
बात सिर्फ़ उस लड़की की थी जो मेरे साथ रुकी थी ।।
जो मुझ से चुदी और मेरी बगल में लेटी थी ।।
लेकिन मुझे लगा कि मैंने एक बार फ़िर से पंगा लिया है ।।
और जिंदगी फ़िर से एक नए मोड़ पे आ चुकी थी ।।
क्यूंकि कल ही मेरा टरमिनेशन का लैटर भी दिल्ली गया था ।।
और बाद में ख़ुद ही चुद गया ।।
लेकिन चुदने वाली लड़की को पहचानो और फ़िर कंडोम ज़रूर लगाओ ।।
मेरा मेल आई डी तो आप सब को याद ही होगा
जी हाँ यही तो है मेरा मेल आई डी
आप सबके प्यार के लिए बहुत सा धन्यवाद।
आप प्यार देते रहें मैं आपका मनोरंजन करने अन्तर्वासना पर आता रहूँगा।
