जय यह बात आज से तीन साल पुरानी है। मैं नौकरी की तलाश में ग्रेटर नोएडा आया हुआ था, वहाँ मैं अपने दोस्त के साथ एक ब्वॉय्ज-हॉस्टल में रुका था। बस एक मैं ही ऐसा था, जिसके पास एक भी गर्ल-फ़्रेन्ड नहीं थी। हुआ कुछ इस प्रकार कि वो दोनों एक रेस्टोरेन्ट में मिलने गए, तभी हीना की एक दोस्त रीना भी वहीं काफ़ी पीने के लिए आ गई तो मेरे दोस्त ने मुझे भी फ़ोन करके बुला लिया। जैसे ही मैं रेस्टोरेन्ट में पहुँचा, तो देख़ा की एक करीब 22-23 साल की लड़की उन दोनों के पास बैठी थी। मैं उनके पास जाकर बैठ गया और मेरा पूरा ध्यान उसकी चूचियों की गोलाई की तरफ था। बाद में हीना ने कहा- मेरी सहेली काफ़ी शरीफ़ है, आसानी से पटेगी नहीं, पर अगर मैं कुछ मदद करूँ तो तुम्हारी बात बन जाएगी। उसके बाद हम दोनों, मैं और रीना, हीना की मदद से मिलने लगे, लेकिन मैं थोड़ा शर्मीले स्वभाव का हूँ तो रीना से अपने दिल की बात को कहने से डरता था, कहीं बुरा ना मान जाए। उसके बाद हम दोनों अक्सर फोन पर बातें करने लगे और हमने एक-दूसरे को अपने दिल की बात बता दी और मैं उससे अकेले में मिलने लगा। लेकिन एक दिन उसने मेरे सर पर बम फ़ोड़ दिया। उसने बताया कि अगले महीने में उसकी शादी है, मेरा तो जैसे दिल टूट गया। एक रात हमने मिलने का प्लान बनाया, वो भी उसके घर पर, जबकि उसके घरवाले घर पर ही थे। मैं रात का इन्तजार करने लगा। मैं दोस्त के साथ रहता हूँ, तो इसलिए मुझे रात को जाने की कोई प्रोब्लम नहीं थी। मैंने सिर्फ सुना था कि लड़की पूरी नंगी और पूरे कपड़ों में कम ही अच्छी लगती है। जो मजा थोड़ा छुपाने में और थोड़ा दिखाने में आता है, वो किसी और में नहीं आता। फिर मैं उसे चूमने लगा। लगभग 15 मिनट तक हम दोनों चूमा-चाटी करते रहे। वो नीचे बैठ गई और मेरी पैन्ट खोल दी। उसने मेरा लन्ड निकाल कर अपने हाथ में पकड़ लिया और उससे खेलने लगी, फ़िर उसने लंड मुँह में ले लिया। उसके बाद मैंने उसे पलंग पर बैठा दिया और उसकी चूत चाटने लगा और उसी के साथ-साथ अपनी एक ऊँगली भी उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। फ़िर उसके बाद मैंने उसे ख़ड़ा किया और उसे मेज पर बैठा दिया और उसकी चूत चाटने लगा। मैंने भी लगभग दस मिनट उसकी चूत को चूसा। रीना की आवाज निकलने लगी- उफ्फ, ओह्ह ! पाँच मिनट बाद उसका दर्द जब कम हुआ, तो मैं धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसकी दर्द कि छ्टपटाहट धीरे-धीरे मादक सिसकारियों में बदल गई। अब बस उसके मुँह से ‘आआऊऊ उम्म ह्ह्ह्ह …आआ आआआअ… बस्स्स…ब्स्स्सस् स्स्स..!’ की ही आवाज आ रही थीं और बोल रही थी- जान बहुत मजा आ रहा है..! वो मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और जोर-जोर से ऊपर-नीचे होने लगी। चांदनी रात थी, तो मुझे उसका मख़मली बदन बिल्कुल साफ दिख रहा था। मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया और वो चिल्ला पड़ी, “हाए रे… मार डाला… जी… आआआ अह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह् … आआअह्ह ह्ह…जी.. प्लीज थोड़ा धीरे करो जान प्लीज..!” उसने कहा- थोड़ा और जोर से करो, मेरा भी कुछ निकलने वाला है..! उस रात हमने दो बार चुदाई की क्योंकि उसके बाद हमें पता नहीं था कि दोबारा मिलने का मौका मिले या ना मिले.. एक बार तो हम 2 रात 3 दिन एक साथ रहे थे, बिलकुल नंगे… वो भी उसी के घर पर…!
नमस्कार पाठको, मैं जय ग्रेटर नोएडा से, सबसे पहले आप सबका धन्यवाद करता हूँ कि आप सभी को मेरी पिछली कहानी काफी पसंद आई और आपके सुझावों और सराहना के लिए शुक्रिया।
जहाँ यह हॉस्टल था, उसी हॉस्टल के पास में लड़कियों के कई हॉस्टल हैं, जिस वजह वो जगह लड़कियों से हमेशा भरी रहती थी और मैं हमेशा सोचता रहता था कि मुझे कब कोई गर्ल-फ़्रेन्ड मिलेगी क्योंकि मेरे दोस्त की भी गर्ल-फ़्रेन्ड थी, जिसका नाम हीना था।
लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और तभी मेरे दोस्त की गर्लफ़्रेन्ड से मिलने का मौका मिला।
उसका रंग गोरा और फ़िगर एकदम मस्त था। उसका कद कोई 5’2″, चूची 36″, कमर 30″ कूल्हे 38 इन्च के थे, वो दिखने में एकदम माल, ऐसी कच्ची कली, जो अभी खिलनी बाकी हो।
वो सलवार कमीज पहने हुए थी।
मुझे तो उसे देखते ही उससे प्यार हो गया था।
मेरे दोस्त ने हमारा परिचय कराया और धीरे से मेरे कान में बोला- इसे पटा ले।
मैंने कहा- ऐसे कैसे किसी को भी पटा लूँ..! मैं तो इसे अच्छे से जानता भी नहीं हूँ।
तो मैंने हीना से कहा- नेकी और पूछ-पूछ..!
लेकिन हीना और मेरा दोस्त वहाँ भी मेरे काम आए। हीना के जरिए मुझे पता चला कि रीना भी मुझे इतना ही प्यार करती है, जितना कि मैं उसे करता हूँ।
हम लोग मिलकर खूब मजा करते। मैं कभी उसकी चूचियों को दबा देता, तो कभी-कभी हमारा ‘किस’ इतना लम्बा हो जाता कि हम भूल जाते कि हम हैं कहाँ।
पर फ़िर भी मैंने हिम्मत करके उससे कहा- मैं उससे बिल्कुल अकेले में मिलना चाहता हूँ, वो भी उसकी शादी से पहले..!
तो उसने कहा- मैं कोशिश करूँगी।
उसने कहा- जब सब सो जाएं तो रात को 11 बजे आ जाना।
मैंने कहा- ठीक है..!
रात को 11 बजे मैं रूम से निकला और उसके घर चल दिया। जैसा कि हम लोगों में तय हुआ था कि जब सब सो जाएंगे, तो वो मेरे लिए गेट खोलेगी। जब उसने गेट खोला तो देख़ा कि उसने एक चादर ओढ़ रखी है। वो अन्दर से बिल्कुल नंगी थी।
मैं जल्दी से अन्दर गया, उसे ‘किस’ किया, उसने गेट बंद किया और अन्दर चलने को कहा।
मैं अन्दर उसके कमरे में गया। वो मेरे लिए दूध लेकर आई थी, जो हमने आधा-आधा पिया।
उसके होंठों पर ‘किस’ किया फिर गर्दन पर…!
कहते हैं कि लड़की की गर्दन पर ‘किस’ करो, तो वो जल्दी गर्म हो जाती है, वो भी गर्म हो गई।
मैंने कहा- जान मन लगाकर इसके साथ मजे करो …!
तो वो मेरे लन्ड को ऐसे चूसने लगी, जैसे लॉलीपॉप हो। उसने लगातार दस मिनट तक मेरे लन्ड को चूसा।
उसके मुँह से सिसकियां निकलने लगीं- …आआऊऊउ क्क्कहह्… आआअ… बस्स्… ब्स्स्सस..!
उसके बाद मैं खड़ा हुआ और उसकी जाँघों के बीच आकर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
जब उससे रहा ना गया तो उसने कहा- जान अब डाल भी दो अन्दर..!
मैंने अपना सुपारा उसकी चूत के छेद पर रखा और उसकी चूचियाँ पकड़ लीं और उसकी चूत पर एक हल्का सा धक्का दिया मारा।
मेरा आधा लंड भीतर चला गया, वो जोर से चिल्लाई तो मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया और उसे चूमने लगा।
थोड़ा देर उसी आसन में चुदाई करने के बाद वो बोली- जान अगर तुम कहो तो अब मैं करूँ..!
मैंने कहा- हाँ जान… बिल्कुल, अब तुम करो..!
वो इतने जोर से चोदने लगी कि लगा मैं जल्दी झड़ जाऊँगा, मैंने उसे रूकने को कहा क्योंकि मैं जल्दी नहीं झड़ना चाहता था।
फिर मैं उसे बाहर आँगन में ले गया, उसके सारे घरवाले गहरी नींद में सो रहे थे, तो कोई डर नहीं था।
मैंने कहा- रीना जान दीवार के साथ लग जाओ।
वो दीवार के साथ लगकर खड़ी हो गई।
तो मैं फ़िर थोड़ा धीरे-धीरे उसे चोदने लगा। लगभग 15 मिनट तक उसको चोदने के बाद जब मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैं फ़िर से उसे बहुत तेज-तेज चोदने लगा।
तो मैं उसे बहुत तेज-तेज चोदने लगा और फ़िर आखिर में वो इन्तजार की घड़ी आ ही गई, हम दोनों बुरी तरह से एक-दूसरे को जकड़े हुए थे और झड़ रहे थे…!
पर मुझे नहीं पता था कि वो अब मेरे लंड की इतनी शौकीन हो गई है, वो अब भी जब उसका पति घर नहीं होता तो मुझे कॉल कर देती है।
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