मैं अल्पेश, अहमदबाद से एक सीधा-सादा युवक हूँ। मेरी उम्र 25 साल है। मैं एक कंपनी में जॉब करता हूँ और यह मेरी जिन्दगी की सच्ची कहानी है। हमारी दोस्ती का सिलसिला 4 महीने चला। उस दौरान हम काफी निकट आ गए थे। वो मुझसे उसकी लाइफ की सभी बातें करती थी। उसने मुझे फोटो ईमेल की थी, वो बेहद ही खूबसूरत थी, उसका फिगर 34-30-36 था। एक बार उसने मुझे एक मॉल में मिलने बुलाया था। उसकी उभरे हुए चूतड़ देखकर मैं तो उसका दीवाना हो गया। मैं उसे चाहता तो था ही, मगर उसका फिगर देखने के बाद मैं एकदम पागल हो गया। उसका पति एक फार्मा कंपनी में जॉब करता था और उसके पति की अधिकतर ड्यूटी नाईट-शिफ्ट में ही होती थी। उसने मुझे उसकी सुहागरात की बात बताई थी। वो चुदाई से बहुत डरती थी, फिर भी उसके पति ने पूरा लण्ड उसकी चूत में बेरहमी से घुसा दिया था। उसका पति उसको ज्यादा अहमियत नहीं देता था। उसकी सारी बातें मैं बड़े ही ध्यान से सुनता था और उसका साथ देता था। एक दिन हम दोनों के बीच प्यार का इजहार हो गया। वो मुझसे प्यार करने लगी थी मगर अपने पति से डरती थी। एक दिन जब उसका पति नाईट शिफ्ट में था, तब हमने मिलने का प्लान बनाया, उसने मुझे अपने घर बुलाया। उसने मुझे हॉल में बिठाया और मेरे लिए चाय-पानी लेने गई। जब वो वापस आई, तब हमने साथ बैठ कर चाय पी। हमने एक-दूसरे को कस कर चिपटा लिया, वो एकदम से रोने लगी, मैंने उसको चुप कराया, फिर धीरे-धीरे उसकी पीठ को सहला रहा था, मैं उसकी ब्रा के हुक महसूस कर रहा था। इसी बीच मैंने धीरे से उसके चूचों को भी सहलाना चालू कर दिया। अब वो आपे से बाहर हो गई, वो मेरे गालों को काटने लगी। उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया और मेरी छाती को चाटने लगी, वो दीवानों की तरह मुझे बेतहाशा चूमने लगी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा। वो मेरे जीन्स के ऊपर से ही मेरे लण्ड को दबाने लगी। ‘चाटो मेरे राजा.. चाटो और जोर से चूसो.. मेरे दूध को और पी जाओ सारा दूध..!’ मैं भी गर्म हो गया था और मेरा लण्ड भी तन्ना गया था। मैंने जिद कर के कहा तो वो मान गई, फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को फैला कर उसकी काली झाँट वाली चूत को चाटने लगा। अब वो थोड़ी शांत हो गई, मगर मेरा नाग शांत होने वाला कहाँ था..! अभी असली चुदाई तो बाकी थी। पर तब भी वो थोड़ा चिल्लाई क्योंकि मेरा लण्ड मोटा है। अब मैंने धीरे-धीरे उसे चोदना चालू किया। वो मेरे नीचे थी और मैं ऊपर था। हमारी असली चुदाई शुरू हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे उसके मम्मे दबाए और धीरे-धीरे शॉट लगाता रहा। थोड़ी देर के बाद वो बहुत ही उत्तेजित हो गई और नीचे से चूतड़ उठा कर मेरा साथ देने लगी, मेरी चुदाई से मस्त होकर वो चिल्लाने लगी, “ओह्ह कम ऑन हनी… फ़क मी.. डू इट हार्ड… आह… ओह्ह… याह जोर से… ए..निकाल दो मेरी चूत की सारी खुजली और बना दो मुझे अपनी रंडी.. मैं तेरी रंडी हूँ… और मुझे रंडी की तरह चोदो..ओ.. जोर से। फ़क मी.. हार्ड ..!” मैं पूरे जोश में चोद रहा था, बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था, मैंने पूछा- कहाँ.. निकालूँ..? फिर हम दोनों झड़ने लगे। पूरा माल उसकी चूत में डाल दिया और हम दोनों निढाल हो गए। सुबह 6 बजे मैं उठ कर निकल रहा था, तो उसने मुझे एक मस्त चुम्मा दिया। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज आप जरुर बताइएगा।
मुझे कॉलेज के समय से ही चैटिंग का बहुत शौक था, मैं हर रोज कैफ़े में जाकर चैट किया करता था।
एक दिन एक लड़की से मेरे बात हुई, वो मेरे ही शहर की थी, उसका नाम इशा था। शुरुआत में हम दोस्त बने।
हम लोग फ़ोन पर बहुत बातें करते थे, शुरुआत में हम फोन पर ‘किस’ करते थे। फिर धीरे-धीरे सेक्स चैट करने लगे। वो जब रात को अकेली होती थी, तब हम खुल कर सेक्स चैट करते थे, वो काफी उत्तेजक और मादक बातें करती थी।
मैं फ़ोन पर ही अपनी कामुक बातों से उसकी चूत का पानी निकाल देता था।
मैं उसके घर गया, उसने जैसे ही दरवाजा खोला, मैं खुश हो गया। वो बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसने काली लैंगिंग और सफ़ेद कुर्ती पहनी हुई थी और कुर्ती में से उसकी काली ब्रा चमक रही थी। वो ब्रा सिल्क की ही थी इसलिए बहुत चमक रही थी। उसकी ब्रा की चमक देखकर मेरी आँखों में भी चमक आ गई।
उस दिन काफी सर्दी थी, वो मेरे पास में आकर बैठ गई। मैंने धीरे से उसके हाथ पर हाथ रखा और वो छुई-मुई के फूल सी शर्मा गई। मैंने धीरे से उसके गालों को चूम लिया, वो चुप रही, मैंने उसको अपने गले लगने के लिए बोला, वो तुरन्त ही मान गई।
वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी, मैंने उसे बाँहों में जकड़ लिया और हम एक-दूसरे के होंठों पर चूमने लगे। उसके नरम-नरम होंठों को मैं चूस रहा था, वो भी मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों ने खूब चूमा-चाटी की।
फिर मैं उसको लेकर उसके बेडरूम में गया, वहाँ उसने मेरे सामने ही अपनी कुर्ती उतारी, फ़िर लैगिंग, उसकी काली ब्रा और पैन्टी से मेरा जूनून भड़क गया।
वो मेरे पास आकर बैठ गई और मैंने उसको फिर से अपनी बाँहों में ले लिया।
मैंने उसके मम्मों को ब्रा में से निकाल दिया और उसके निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा। वो निप्पल मेरे मुँह में घुसेड़ने लगी और जोर-जोर से चूसने के लिए बोल रही थी।
मैं उसके चूचुकों को थोड़ा सा काट भी लेता था। इसी मस्ती में मैं बेसुध था, तब तक उसने मेरे जीन्स की चैन को खोल दिया था और मेरे लण्ड को अपने हाथ से पकड़ कर सहला रही थी। मेरा लण्ड 6.5 इंच का है और मोटा भी है।
मैंने उसकी चड्डी में हाथ डाल कर चूत को छुआ, तो उसकी सिसकारी निकल गई। वो लगातार सीत्कार कर रही थी और मुझे चोदने के लिए कहने लगी।
अब मैं नंगा था और वो भी नंगी थी उसकी चूत के ऊपर हल्के काले झांट के बाल मुझे आकर्षित कर रहे थे। मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाली और उसको कहा- मुझे तेरी चूत चाटनी है।
उसने कहा- आज तक मेरे पति ने भी मेरी चूत कभी नहीं चाटी।
वहाँ से काफी पानी निकल रहा था क्योंकि वो गर्म हो चुकी थी।
मैं जीभ धीरे-धीरे उसकी चूत की दरार में डालने लगा। वो उछलने लगी और मेरी जीभ से चूत चुदाने लगी।
मैं उसकी चूत के दाने को अपने होंठों से दबा कर चूसने लगा। उसने एकदम से भड़क कर मेरा सर चूत पर दबा दिया और वहाँ से पानी की धार निकलने लगी।
मैंने उसको कहा- चल अब मेरा लण्ड अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत में घुसा..!
तो वो उसने मेरे खड़े लण्ड को पकड़ कर उसकी चूत के मुख पर रखा और मैंने जोर का धक्का मारा। मेरा अधा लण्ड अन्दर चला गया क्योंकि वो शादीशुदा थी, और चूत खुली हुई थी।
मैंने झटके लेना चालू किया और एक जोरदार धक्का मारा और उसकी चूत में पूरा लण्ड घुसेड़ दिया। अब वो बेड पर सर हिलाने लगी, क्योंकि मेरा लण्ड काफी मोटा था। शायद थोड़ा खून भी निकला था।
उसने कहा- अन्दर ही डाल दो… मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ।
मैंने कहा- जैसा तुम ठीक समझो..!
थोड़ी देर में उसके ऊपर ही लेटा रहा। कुछ देर बाद हम दोनों उठे और खुद को साफ़ किया। फिर वो मेरे लिए कुछ खाने को लेकर आई। मैंने थोड़ा बहुत खाया और पूरी रात हमने अलग-अलग आसनों 3 बार चुदाई की।
फिर हमारी चुदाई का चक्कर चलता रहा। वो प्रेग्नेंट भी हो गई थी और थोड़े महीनों बाद मेरे बच्चे की माँ बन गई।
इस बीच उसके पति को पता चल गया। अब हमारे बीच सम्बन्ध नहीं हैं, मगर आज भी मैं वो दिन नहीं भूल सकता। मैं सच में उसको प्यार करता था।
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