Antheen Kasak-3 उसने मुझसे कहा- तुमने कभी सेक्स किया है बेबी? मैंने कहा- नहीं! उसने कहा- हाँ, लेकिन इस सिन्दूर के बिना, यह सिन्दूर हटाकर कल आऊँगी। उसने अपनी स्वीकृति दे दी थी, मैंने भी सोचा कि चलो कल तक इंतज़ार कर लेते हैं। हम दोनों ने चुम्बनों के आदान प्रदान के साथ विदा ली। उस दिन दोपहर से शाम और रात तक सिर्फ शमी का खुमार दिलो-दिमाग पर चढ़ा रहा, सुबह कॉलेज गया तो लेक्चर में मन नहीं लगा। जैसे तैसे 2 बजे का वक्त काटा, इस बीच में 1 ब्लू फिल्म देखकर अपने चुदाई के ज्ञान को और परिपक्व किया। आखिरकार लगभग ढाई बजे शमी ने दरवाजा खटखटाया, कत्थई रंग का सूट, झीना सा एक दुपटटा और खुले बालों में वो किसी परी जैसी लग रही थी। पुनः हम दोनों ने एक दूसरे को आलिन्गनबद्ध कर लिया और चूमने लगे, मैंने उसकी गर्दन पर एक चुम्बन लिया। मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और खुद भी उसके पास बैठ गया। मेरा लण्ड भी उफान मारने लगा, मैंने टीशर्ट और बरमूडा पहना था, जिसमें मेरा लण्ड तम्बू बना चुका था। मैंने शमी को लिटा दिया और खुद बगल में लेट कर उसके होंठों को चूसने लगा, साथ ही एक हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया। मैंने होंठो को चूमने के बाद ठुड्डी को, फिर गले को चूमता हुए नीचे उतरने लगा, दोनों स्तनों के बीच की दरार पर मैंने अपने होंठ रख दिए तथा दोनों हाथों से उसकी चूचियों को सहलाने लगा। शमी का बुरा हाल था वो सिसकारियाँ लेते हुए ऐंठ रही थी। मैंने कई सारी ब्लू फिल्में देखी थी, वो अनुभव अब काम आ रहा था। मैंने उसकी चूचियों को कुर्ते के ऊपर से निकालना चाहा लेकिन कुरता बहुत टाइट था या यूँ कहें चूचियाँ बहुत कसी थीं, और मेरा हाथ तक ना जा सका। वह उठकर बैठ गई और अपने हाथ ऊपर कर दिए, मैं समझ गया कि मुझे क्या करना है। उफ्फ्फ ! इतने गोरे स्तन !! उसके स्तन देखकर मैं पागल हो गया, सबसे सेक्सी हिस्सा उसके चूचुक के पास की त्वचा थी जो बिल्कुल गुलाबी रंग की थी। मैंने दोनों चूचियों को हाथ में ले लिया और दबाने लगा। उसके मुँह से आवाज आने लगी ‘श्स्स्स्स स्स्स !! उम्म्म्म्म !!!’ और आँखें आनन्द से मुंद गई। अब मैंने अपनी एक उंगली उसके स्तन के चूचुक के मखमली और गुलाबी हिस्से पर फिरानी शुरू कर दी, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। ‘ओह बेबी ईईई !! और प्यार करो!!’ मैंने उसके चुचूक को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा, बीच बीच में मैं उसे हल्के से दांतों से दबा भी देता था। उसकी आहें पूरे कमरे में गूंजने लगी। मैंने बारी बारी से उसके दोनों चूचियों को करीब 10 मिनट तक चूसा और इनका मर्दन किया। अब मैंने नीचे उतरना शुरू किया, मैंने उसकी नाभि को चूमा, उसमें अपनी जीभ डालकर उसे खूब मजा दिया। उसने खुद ही अपना नाड़ा खोल दिया मैंने उसकी सलवार उतार दी। दोस्तो, मैं बयाँ नहीं कर सकता कि उसके जिस्म का वो हिस्सा कितना खूबसूरत था, केले के तने जैसी मस्त जांघें, चिकनी और सफ़ेद, उसकी पैंटी सफ़ेद रंग की थी, वो पूरी तरह से एक लसलसे से पानी से भीग चुकी थी। मैंने उसकी पैंटी उतारने के लिए उसकी कमर से पैंटी पकड़ी, उसने अपने चूतड़ उठाकर मुझे सहयोग दिया। अगले क्षण मेरे दिमाग में जैसे भूचाल आ गया, मैंने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था, उसने अपने पैर चौड़े करके अपनी सुन्दर बुर का दर्शन सुलभ बना दिया, मैं उसकी चूत के इर्द गिर्द अपना हाथ घुमाने लगा, कभी उसकी फांकों को, तो कभी चूत के ऊपर वाले हिस्से को! अब मैंने उसकी हसीन बुर का एक करारा चुम्बन लिया, शमी तड़प उठी। अब मैंने उसकी बुर के दोनों होंठो को अलग कर दिया, अन्दर के होंठ गुलाबी तथा पूरी तरह से भीगे थे। मैंने अपनी जीभ से उसके दाने को छुआ वो चिल्ला उठी- आआईईईइ… अब मैंने उसके दाने को चूसना आरम्भ कर दिया, वो बुरी तरह से उछलने लगी, उसने अपने कूल्हे हवा में उठा लिए और पूरी मस्ती से बुर चुसाई का आनन्द लेने लगी। फिर अचानक बोली- बेबी रुक जाओ नहीं तो मेरा पानी निकल जाएगा, मैं भी तुम्हे प्यार करूँगी। उसने मुझे लिटा दिया और मेरी टी शर्ट उतार दी, फिर बरमूडा सहित मेरी अंडरवियर भी उतार दिया और मेरे 6 इंच के तन्नाये लौड़े को अपने मुलायम हाथों में ले लिया। उसके हाथो में मेंहदी लगी थी और उन्हीं हाथों से वो लण्ड को सहला रही थी, मेरे आनन्द का ठिकाना न था। तभी अचानक उसने मेरे लण्ड के सुपारे पर अपनी गीली-गीली जीभ रख दी, मेरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई, थोड़ी देर चाटने के बाद उसने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया, मेरी तो जैसे जान ही निकल गई, कुछ ही देर चूसने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊँगा, मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से खींच लिया। मैं अपने आप को सामान्य करने लगा तो उसने कहा- आगे क्या करना है? तुम्हें पता है ना जान?? मैंने उसके होंठो का चुम्बन लेते हुए कहा- हाँ! फिर मैंने उसको लिटा दिया और घुटनों के बल उसकी दोनों जाँघों के बीच में बैठ गया, मेरा लण्ड उसके पेट की ओर तन्नाया हुआ था, उसने मेरे लण्ड को लेकर चूत के बीच में रगड़ा, फिर छेद पर टिका दिया, फिर बोली- धक्का दो बेबी! मैंने उस पर झुकते हुए उसके कंधे पकड़े और लण्ड को उसकी गीली बुर में ठेल दिया। वो चिल्ला उठी- उईईईइ… ममीईईइ!!! मैं लण्ड बुर में डाले हुए ही उसके ऊपर लेट सा गया। लेकिन तभी मुझे लण्ड के सुपाड़े पर गर्मी सी महसूस हुई, मेरा लण्ड उसकी चूत के गोल छल्ले में फंसा हुआ था, चूत मेरे लण्ड को निचोड़ने लगी… वो मेरी पीठ सहलाने लगी। मुझे बहुत बुरा लगा कि मैं इतनी जल्दी कैसे झड़ गया, मैं उदास होकर उसकी बगल में लेट गया।
उसने कहा- हाँ लगता तो है! एक बार बस थोड़ा सा दर्द हुआ था, थोड़ा सा खून बहा था।
मैंने मौक़ा देखकर कहा- शमी, क्या तुम मुझे खुद को प्यार करने दोगी?
एनाटोमी की बहुत जरूरी क्लास थी लेकिन मैंने वो भी छोड़ दी, 11 बजे ही रूम पर वापस आ गया।
वो बिल्कुल मेकअप नहीं करती थी लेकिन उससे खूबसूरत लड़की मेरे लिए कोई और नहीं थी।
मेरे क्लास के सारे लड़के गर्लफ्रेंड बनाने में जुटे थे लेकिन मेरी रूचि क्लास की लड़कियों में बिल्कुल नहीं थी, ऐसी एक भी लड़की नहीं थी जो शमी को टक्कर दे सके।
वो तड़प उठी।
मैंने उसका दुपट्टा हटा दिया और कपड़े के ऊपर से उन दोनों चूचों का बारी बारी से चुम्बन लिया।
मैंने उसका कुर्ता उतार दिया!
मेरी उत्तेजना उफान पर थी, लण्ड पूरा लोहे की राड जैसा सख्त तन चुका था, मैंने उसकी ब्रा पीछे से खोल दी, अगले ही क्षण उसके स्तन आजाद थे।
उसके और नीचे चूमते हुए उतरा तो सलवार थी, मैंने एक हाथ से उसकी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया, उसने अपने पैर घुटने से मोड़ लिए, अब मैं कपड़े के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा, वो मदहोश होने लगी।
वो अपने में ही बके जा रही थी- ईईईईई… ऊम्म्म्म्म ..ओओह्ह ईइईई…
मैंने उंगली में थोड़ा सा थूक लगाकर उसके दाने को छेड़ दिया, शमी उछल पड़ी, दांत भिंच गए, शरीर तन गया।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं घबरा गया और कहा- क्या हुआ?
उसने कहा- कुछ नहीं, ऐसे ही थोड़ा सा दर्द है।
मेरा शरीर अकड़ने लगा, मैं झड़ने लगा ‘आआह्ह..’ की आवाज मेरे मुख से अनायास ही निकलने लगी।
कहानी जारी रहेगी।
