Chadhti Jawani Ka Pahla Maza मैं 19 साल की हूँ.. मेरा कद 5 फुट 6 इंच है… मेरी त्वचा की रंगत सांवली-सलोनी सी.. और जिस्म के कटाव 30-28-30 के हैं। यह कहानी तब की है.. जब मैं अपने गाँव के ही एक स्कूल में पढ़ती थी। रास्ते में रौशन नाम के एक लड़के का घर था.. वो भी मेरी ही उम्र का था। मैं उसे और वो मुझे.. हर दिन देखा करता था। वो बहुत ही तगड़े शरीर का मालिक था। दिन बीतते गए और हम दोनों एक अच्छे दोस्त बन गए थे। मुझे उस वक्त चुदाई के बारे में थोड़ी बहुत ही जानकारी थी। वो बातों ही बातों में मेरे शरीर को छूता रहता था और मेरी चढ़ती जवानी को सहलाता रहता था। मुझे उसका ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था.. इसलिए मैं उसे कुछ नहीं बोलती थी। एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था.. उसने मुझे फोन किया और दोपहर एक बजे घर आने को बोला। मैं आपको बता दूँ कि मैं पहले भी उसके घर पर जा चुकी हूँ। मैं उस वक्त मिनी स्कर्ट और टॉप पहनी हुई थी.. उसने दरवाजा खोला और मैं अन्दर आ गई। हम दोनों बैठ कर बातें कर रहे थे और मुझे पता भी नहीं चला और वो मेरे होंठों के करीब आ गया। उसने मुझसे कहा- मैं तुम्हें चुम्मी दूँ? तो मैंने शर्माते हुए ‘हाँ’ बोल दी। फिर हम दोनों 10 मिनट तक चुम्बन करते रहे। उसने धीरे से अपना हाथ मेरी स्कर्ट में डाल दिया और मेरे चूत को पैंटी के ऊपर से जोर-जोर से रगड़ने लगा। मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं उसे हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसकी मजबूत पकड़ से छूट नहीं सकी। उसने मेरी पैंटी हटा दी और वो मेरी चिकनी चूत को अपनी जीभ से खूब चाटने लगा। मेरा 5 मिनट में ही मेरी चढ़ती जवानी का सारा पानी उसके मुँह में छूट गया। अब उसने मेरे बाकी के बचे सारे कपड़े हटा दिए। मैं उसके सामने नंगी थी.. मेरी चढ़ती जवानी उसके सामने बेपर्दा थी, मुझे शर्म आ रही थी। उसने अपने कपड़े भी हटा दिए। उसने मेरी चूचियों को देखा और अपने हाथों से सहलाने लगा। मेरी चूचियों पर जैसे ही उसने हाथ लगाया तो मेरी चूत तो पहले से भड़की हुई थी.. अब मुझे और भी ज्यादा चुदास सी होने लगी। तभी उसने अपने लौड़े को अपने हाथ से पकड़ा और हवा में मुठियाता हुआ मेरी तरफ देखने लगा। मैं उसके 6 इंच लंबे लंड को देख कर चौंक गई.. उसने अपने लंड को मेरे मुँह में डालने के लिए कोशिश की… मुझे कुछ संकोच सा हुआ और मैंने अपना मुँह फेर लिया। उसने मेरे चेहरे को पकड़ कर फिर से अपने लौड़े की तरफ कर दिया और मुझसे आँखों में इशारे से याचना की- चूस ले ना.. मैंने अपनी जीभ निकाल कर उसके लौड़े के सुपारे पर हल्के से छुआई मुझे कुछ भी नहीं लगा… बस हल्का सा नमकीन सा स्वाद लगा। मेरे इतना करते ही उसने अपने हाथों से मेरे सर को पकड़ा और अपने लौड़े को मेरे मुँह में भीतर की ओर ठेल दिया और करीब आधा लंड मेरे मुँह में घुस गया था। मैंने उसकी आँखों की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रहा था और हम दोनों की मूक सहमति बन चुकी थी। अब मैं उसके लंड को लॉलीपॉप की तरह चाट रही थी… सच बोलूँ तो मैं भी अब मजे लेने लगी थी। अब वो मेरे ऊपर चढ़ गया और वो अपने लंड का सुपारा मेरी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा, मैं चुदवाने के लिए मचलने लगी। मैं चिहुँक उठी और रोने भी लगी.. तो वो मुझे चुम्मी करने लगा। मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो उसने फिर एक दमदार शॉट मारा और उसका लंड सारी दीवारें तोड़ता हुआ मेरी चूत में समा गया। दर्द की अतिरेकता को कुछ देर झेलने के बाद मैं भी उसका साथ देने लगी थी। पूरे कमरे में मेरी ‘आआहहह.. उउफ़्फ़’ की आवाज फैल रही थी। उसने मेरी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसना चालू कर दिया और नीचे से मेरी चूत में उसके लौड़े के धक्के.. आह.. तिगुना मजा मिल रहा था। ऊपर मेरी जीभ से उसकी जीभ चुद रही थी… वो मुझे 15 मिनट तक लगातार चोदता रहा और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। थोड़ी देर रुकने बाद फिर उसने मुझे, मेरी चढ़ती जवानी को दो बार और चोदा। अब हम दोनों हमेशा चुदने के लिए मौके की तलाश में रहते हैं। तो दोस्तो, यह थी मेरी खुद सच्ची कहानी.. आप सब मुझे मेल कीजिएगा।
दोस्तो.. मेरी चढ़ती जवानी की दास्तान सुनिये!
मैं रितु हूँ.. बिहार से.. आप सबकी एक नई दोस्त।
वही पहने मैं उसके घर चली गई।
वो मेरे मुँह की तरफ अपने लौड़े को बढ़ाने लगा।
मेरी चूत में भी जोर से सनसनी हुई और मैंने उसके सुपारे को अपने होंठों में ले लिया।
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अब उसने एक धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया…
बीच में वो मेरे मम्मे मसले जा रहा था..
और नीचे चूत में लगातार लौड़े की ठापें मुझे जमाने भर की सुध-बुध भुला चुकी थीं।
