Pahli Bar Chudai ka Anubhav अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ। मेरी एक दोस्त है जिसका नाम कुसुम है। जिसे देख कर क्लास के सारे लड़कों के मुँह में पानी आ जाता है। यहाँ तक कि मैं भी उसे घर पर देखता हूँ इतनी सेक्सी और सुन्दर दिखती है कि उसे देखने के बाद बिना मूठ मारे रहा नहीं जाता। हम दोनों एक साथ एक ही स्कूल मे पढ़ते थे और हम दोनों में अच्छी दोस्ती थी इसलिए मैं कभी उससे अपनी मुहब्बत का इजहार नहीं कर पाता था। सबसे ज्यादा डर की बात तो ये थी कि मेरा घर और उसका घर पास-पास में ही था। मुझे हमेशा यही डर लगा रहता था कि वो अपने मम्मी-पापा से बोल न दे लेकिन मैंने भी सोचा था कि इसे चोदूँगा जरूर.. मैं बातों-बातों में उसके करीब जाने की कोशिश करने लगा और मेरी कोशिश कामयाब भी होने लगी। एक दिन हम दोनों जब स्कूल से आ रहे थे तभी बारिश होने लगी.. मेरे पास एक पोलीथीन थी, जिसमें हम दोनों ने अपनी-अपनी किताबें रख लीं। हम दोनों चलते रहे थे। बारिश और हवा काफी तेज थी सो हमें ठण्ड लगने लगी और हम दोनों एक पेड़ के नीचे रूक गए। हम दोनों एक-दूसरे को देखने लगे। मैं उसके थोड़ा करीब गया तो वो डर गई… तो मैं और करीब गया और रूक गया। थोड़ी देर बाद वो मेरी आँखों में देखने लगी.. तभी उसने मेरे होंठों पर अपने होंठों रख दिया और चुम्बन करने लगी। मैं चौक गया.. लेकिन तब भी मैं उसका साथ देने लगा और हम दोनों एक-दूसरे से इसी प्रकार लिपट कर करीब पाँच मिनट तक चुम्बन करते रहे और अचानक वो मुझसे अलग हो गई। हम दोनों चुप थे.. बिना एक-दूसरे से बात किए हम वहाँ से घर चले आए। अब आप अगले दिन की कहानी सुनिए.. मैं स्कूल नहीं गया.. घर पर ही था और अचानक करीब एक बजे मुझे उसका फोन आया। मैंने फोन उठाया तो उसने कहा- कहाँ पर हो? मैं बोला- घर पर हूँ.. वो बोली- मैं भी घर पर हूँ और मम्मी-पापा दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं। शाम को घर पर आ जाना। मैं खुशी से उछल पड़ा और शाम को मम्मी से बोला- मैं दोस्त के घर पर जा रहा हूँ.. रात को नहीं आऊँगा.. ठीक है। मैं उसके घर गया और दरवाजा खटखटाया, उसने दरवाजा खोला। मैं उसे देख कर चौक गया.. इतनी सेक्सी लग रही थी कि मेरी आँखें जैसे उसके जिस्म पर चिपक गईं। मैंने उससे कहा- आज बहुत सुन्दर लग रही हो.. वो मुस्कुराने लगी.. उसने मुझे अन्दर बुलाया। हम दोनों उसके कमरे में गए औऱ वो रसोई में गई और चाय बना कर लाई। हम दोनों चाय पीने लगे औऱ बातें करने लगे उसने मेरा फोन मांगा.. मैंने दे दिया। वो फोन में वीडियो देखने लगी… धीरे-धीरे मैं उसके पास गया। मैंने उसके कन्धे पर हाथ रखा.. उसने कहा- कोई अच्छा सा वीडियो लगाओ न.. मैंने मौका देख कर एक सेक्सी वीडियो लगा दिया.. पहले तो उसने मुझे देखा फिर बाद में वीडियो देखने लगी। उसके बाद मैंने एक चुदाई का वीडियो और लगा दिया। अब हम दोनों उसे देखने लगे.. वो बड़े ध्यान से देख रही थी.. मैं सही समय देख कर उसके शरीर पर हाथ फेरने लगा। वो चुपचाप बैठी थी.. फिर थोड़ी देर बाद वो मुझसे लिपट गई औऱ मेरा साथ देने लगी। मैं सीधे ही उसके होंठों पर अपने होंठों लगा कर चुम्बन करने लगा। कुछ देर वो अलग होकर चली गई औऱ थोड़ी देर बाद आई तो मैंने उसको देखा। मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं.. उसे देखने के बाद मैंने तुरन्त ही उसे अपने सीने से लगा लिया। मैंने उसे उठाया औऱ बिस्तर पर लिटा दिया औऱ चूमने लगा। मैं कपड़े के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा… उसकी साँसें गर्म सी लगने लगीं। मैंने उसे बैठने को कहा.. वो बैठ गई और मैंने उसकी कमीज निकाल दी। वो लाल रंग की ब्रा पहने हुई थी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को चाटने औऱ काटने लगा। उसके बाद मैंने ब्रा भी उतार दिया.. उसके दोनों मम्मे मेरे सामने नंगे थे.. उसका एक आम मेरे मुँह में औऱ दूसरा हाथ में था। मैं उसके मम्मों को दबा औऱ चूस रहा था… मेरा दूसरा हाथ उसकी सलवार के नीचे चूत को सहला रहा था। उसके मुँह से सिसकियां निकलने लगीं। इसके बाद मैंने उसकी सलवार भी निकाल दी और मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए। अब हम दोनों एक-दूसरे के सामने थे। वो पैंटी में थी और मैं अन्डरवियर में था। मेरा लंड खड़ा था.. उसने पूछा- ये क्या है? मैंने कहा- ये वो चीज है.. जो तुम्हें यहीं पर स्वर्ग के आन्नद का अनुभव करा सकता है… करोगी क्या? उसने कहा- हाँ.. मैंने तुरंत ही उसकी पैंटी उतार दी। पैंटी उतारते ही उसकी चूत मेरी नजरों के सामने आ गई। मैं देखते ही हैरान हो गया.. इतनी सुन्दर बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों के समान.. मैंने तुरंत ही उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और चाटने लगा। वो सिसकियां ले रही थी। फिर वो तेज-तेज से साँसें लेने लगी औऱ फिर शान्त हो गई.. उसका पानी मेरे मुँह मे ही निकल गया। तब भी मैंने उसकी चूत से अपना मुँह नहीं हटाया। थोड़ी देर बाद वो फिर से उत्तेजित होने लगी। मैंने उसकी चूत से मुँह हटाया औऱ चुम्बन करने लगा.. मम्मे दबाने लगा। वो बोली- अब मुझसे सहा नहीं जाता.. मुझे उस आनन्द का अनुभव करना है.. जल्दी कराओ ना.. मैंने तुरंत ही अपना अन्डरवियर उतार दिया औऱ उसे पलंग पर लिटा दिया और उससे कहा- अपने पैरों को चौड़ा करके फैला लो। उसने पैरों को फैलाया औऱ मैंने पास जाकर अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। उसके मुँह से ‘आह.. आह’ की आवाज निकलने लगी थी। उसके मुँह से आवाज निकली- अब डालो ना.. मैंने लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा औऱ दबाया तो लंड अन्दर जाने के बजाए ऊपर की तरफ सरक गया। मैंने उससे कहा- शरीर को ढीला करो… उसने वैसा ही किया औऱ मैंने फिर से लंड को पकड़ कर जोर लगाया तो लंड का सुपारा चूत के अन्दर तक चला गया। उसके मुँह से चीख निकल गई औऱ मैंने उसकी चीख की परवाह किए बिना फिर से एक जोरदार धक्का लगा दिया और रूक गया। मेरा लंड पूरा का पूरा चूत की जड़ तक अन्दर चला गया था। वो चिल्लाने लगी.. उसकी आँखों से आसू गिरने लगे.. मैं थोड़ी देर तक उसे चूमता रहा और उसके कबूतरों को सहलाता रहा। बाद जब वो चुप हो गई.. तो मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर अन्दर पेला.. धीरे-धीरे 4-5 बार ऐसे ही अन्दर-बाहर किया.. तो वो भी चुप हो गई औऱ मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाने लगा औऱ उसके मुँह से ‘आह उह.. आह ऊह उफ आह आह’ की आवाजें निकलने लगीं। इसी प्रकार हम दोनों एक-दूसरे का साथ देते हुय चुदाई का आनन्द लेने लगे। अब वह समय आ गया जब हम दोनों का पानी निकलने वाला था। मैंने चुदाई जोर से करना चालू कर दी और 8-10 धक्के लगाए औऱ मेरे लंड ने अपना सारा माल उसकी चूत छोड़ दिया। फिर हम एक-दूसरे से लिपट कर निढाल हो गए थे। इसी प्रकार हमने उस रात को 3 बार चुदाई की। दोस्तो, यह मेरा चुदाई का पहला अनुभव था..
हाय दोस्तो, मेरा नाम रामू है.. मैं आप सभी दोस्तों को नमस्कार करता हूँ..
आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, जिसे पढ़ कर लड़कों के लण्ड और लड़कियों की चूत गीली हो जाएँगी।
जब मैं 12 वीं में पढ़ता था.. तबकी बात है।
वो भी मेरा साथ दे रही थी।
यह कहानी आप सबको कैसी लगी.. मुझे जरूर बताना.. आपकी राय का मुझे इन्तजार रहेगा।
